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क्राइमछत्तीसगढ़राजनीति

कृषि विभाग द्वारा मानसून पूर्व जागरूकता शिविर का आयोजन ग्राम पंचायत लेपरा में संपन्न कर किसानों को जागरूक किया गया।

कोरबा (आई .बी. एन – 24) लेपरा में कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि अधिकारी के मार्गदर्शन में मानसून पूर्व (खरीफ की तैयारी) जागरूकता शिविर आयोजित कर कृषकों को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान किया गया।
जागरूकता शिविर में विभिन्न योजनाओं के बारे में कृषकों को जानकारी दिया गया जैसे प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि, समिति में उपलब्ध खाद्य एवं बीजों की जानकारी, संतुलित खाद्य का महत्व , एन पी के का उपयोग, और बीज उत्पाद प्रणाली , के. सी. सी. बनवाने तथा धान के अलावा अन्य फ़सल के लिए ऋण, धान के बदले दलहन तिलहन फसल लगाने हेतु जोर देते हुए जागरूक करना एवं अन्य योजनाओं के सम्बन्ध मे क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कु. सावित्री कंवर द्वारा विस्तार पूर्वक कृषकों को जानकारी शिविर के दौरान दिया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि अधिकारी कु सावित्री कंवर, ग्राम पंचायत सरपंच कुमारी चंद्र कला पोर्ते ,कृषक मित्र इंद्रपाल सिंह, कृषि विस्तार सहायक तथा किसान उपस्थित थे।

इस अवसर पर किसानों को कृषक समुदाय के विकास एवं उत्थान तथा किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए क्रियान्वित की जा रही केंद्रीय योजनाओं के बारे में जागरूक किया गया।

किसानों को पहले से ही विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं जैसे एसएमएएम से लाभ मिल रहा है, जो किसानों को अपने मशीनीकृत कृषि इनपुट को उन्नत करने के लिए सरकारी सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है,
साथ ही किसानों को पीएमडीपी, एटीएमए, एनएफएसएम, पीएमकेएसवाई के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसके तहत इच्छुक किसान विभिन्न आधुनिक सिंचाई प्रणालियों जैसे बोरवेल, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं, जिससे प्रति बूंद अधिक फसल उत्पादन के अभियान को मजबूती मिलेगी।

कृषि विस्तार अधिकारी ने अपने संबोधन में एकीकृत कृषि प्रणाली पर जोर दिया, जिसमें मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, सुगंधित पौधों (लेमन ग्रास, लैवेंडर) और औषधीय पौधों (एलोवेरा) की खेती किसान अपना सकते हैं। उन्होंने किसानों को वर्षा जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया और जल संचयन अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की सलाह दी।

इस अवसर पर कृषक समुदाय को याद दिलाया गया कि किस प्रकार उनका समुदाय इस महान राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद को मजबूत बनाता है तथा इसमें योगदान देता है तथा क्यों हमारी युवा पीढ़ी को पूरे समुदाय को समृद्ध बनाने के लिए खेती को अपने पेशे के रूप में अपनाना चाहिए। उन्होंने फसल पर होने वाले हमलों की रोकथाम के बारे में सुझाव दिए। उन्होंने पंचायत के उन किसानों की सफलता की कहानियां भी साझा कीं, जिन्होंने जीविका परियोजना में सक्रिय रूप से भाग लिया है और इस परियोजना में विभिन्न आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपनी आय दोगुनी की है और एकीकृत कृषि पद्धतियों के लाभों के बारे में भी बताया।

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