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बिजली की आंख-मिचौली और वोल्टेज- लो के कारण ग्रामीण जनता परेशान।

चाकाबुड़ा (आई.बी.एन – 24 न्यूज) बरसात  के मौसम में पानी और लो-वोल्टेज की समस्या शुरू हो रही है। गांव में शाम होते ही लाइट दीये की तरह टिमटिमाने लगीं हैं। ढेलवाडीह सब स्टेशन से जुड़े अंर्तगत ग्राम चाकाबुड़ा गांव  के ग्रामीण पिछले एक सप्ताह से लो-वोल्टेज की समस्या से दो चार हो रहे हैं। इसके कारण कई घरों में पीने का पानी तक नसीब नही हो रहा है।बिजली विभाग की लापरवाही लोगों के लिए परेशानी का शबब है । ट्रांसफॉर्मर की कमी से लो वोल्टेज के कारण ग्राम चाकाबुड़ा के ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। सप्ताह भर बाद भी विभाग की ओर से कोई पहल नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली स’लाई को लेकर बिजली विभाग पर लापरवाही के आरोप पहले भी लगते हैं। खास तौर पर ट्रांसफॉर्मर के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में लो वोल्टेज अथवा बिजली गुल होना आम बात हो गई है। ग्राम चाकाबुड़ा में ट्रांसफॉर्मर के अभाव में ग्रामीणों को सप्ताह भर से पेयजल को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि यहां जलापूर्ति के लिए शासन की नल-जल योजना के माध्यम से पानी सप्लाई भी अभी तक नही हो पाई है।। करीब 1500 की आबादी वाले इस ग्राम में यहां पानी के तरसना पड़ रहा है।जिससे ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जलापूर्ति के अभाव में ग्रामीणों को हैंडपंपों और कुओं से काम चलाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में नल-जल योजना संचालित नही होने के कारण यहां हैंडपंप और कुएं सीमित मात्रा में हैं वहीं क्षेत्र में पड़ रही भीषण गर्मी से इनका जलस्तर भी नीचे चला गया है। इससे बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं उपलब्ध हैंडपंप और कुएं दूर-दूर के क्षेत्र में हैं जिससे अपने घरों तक पानी पहुंचाना लोगों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

सरपंच पवन सिंह कमरो कहना है कि शुरुआती बरसात में भी हैंडपंप का जलस्तर भी नीचे चला गया है। एकमात्र साधन बोर के लिए बिजली की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन बिजली भी सही ढंग से नहीं मिल रही है। इसके चलते क्षेत्र में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। शाम ढलते ही विषैले जीव-जंतुओं का भी भय बना हुआ है।

जितेंद्र जोशी का कहना है कि 11 केवी लाइन कई वर्षों पुराना है जो गांव में 45 से 50 साल पुराना बिजली लाइन आई हुई जो बहुत पुरानी हो चुकी है।जो  जर्जर लाइनों की तरह परेशानी का कारण बन रही है। जवाली,चाकाबुड़ा क्षेत्रों में अब भी वर्षों पुराने तारों पर ही करंट दौड़ रहा है। इसलिए तार चिपकते ही फाल्ट हो जाता है और गांव की बिजली गुल हो जाती है।

दिलीप कुमार का कहना है कि शाम होते ही बिजली दीपक की तरह टिमटिमाने लगती है।बरसात का मौषम है,विशैले जीव जन्तुओं का भय बना रहता है।

एक ट्रांसफार्मर में टिका हुआ है 1500 कि आबादी जिसमे लो वोल्टेज की समस्या बनी  हुई है।

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