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स्थानीय लोगों में बना रोजगार का संकट, निजी कंपनियां काम पर नहीं रखते अन्यथा करते हैं शोषण…

मंत्री जी के पास पहुंची शिकायत, जिले के समस्त सार्वजनिक उपक्रमों को किया तत्काल तलब..।

 


छत्तीसगढ़ उद्योग मंत्री ने बालको, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन दिपका, गेवरा मुख्य महाप्रबंधक और मुख्य कार्यपालन की खबर लेने हेतु लिखा पत्र..

जिले के सार्वजनिक उपक्रमों को 07 दिवस के भीतर संबंधित कार्यरत कर्मचारियों का मांगा डेटा..

कोरबा। (आई.बी.एन -24)वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कोरबा जिले के समस्त सार्वजनिक उपक्रमों सहित निजी प्रतिष्ठान को पत्र लिखकर बाहरी और स्थानीय श्रमिकों की जानकारी 07 दिवस के भीतर डाटा उपलब्ध कराने को लेकर जानकारी मांगी गई है।

70 फ़ीसदी स्थानीय और 30 फीसदी ही बाहरी लोगों को रखना अनिवार्य

एसईसीएल के कोरबा, गेवरा, दीपका मुख्य महाप्रबंधक, बालको, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी को छत्तीसगढ़ उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने पत्र लिखा है। मंत्री श्री देवांगन ने पत्र के माध्यम से कहा है की स्थानीय बेरोजगारों के माध्यम से आए दिन शिकायते आ रही है, स्थानीय बेरोजगारों की अपेक्षा करते हुए कंपनियों के द्वारा बाहरी लोगों की भर्ती की जा रही है। छत्तीसगढ़ में स्थानीय लोगों को 70 फीसदी बतौर कार्य लेना है तथा बाहरी अन्य प्रांत के लोगों को 30 फीसदी लेना है। परंतु कंपनियों की उदासीनता, और स्थानीय लोगों को प्राथमिकता नहीं देते हुए उनकी उपेक्षा कर अन्य प्रांत के लोगों को प्राथमिकता देते हुए कंपनियों के द्वारा भर्ती अभियान चलाई जा रही है।

उद्योग मंत्री के पास लगातार स्थानीय निवासियों के द्वारा की गई शिकायत, मंत्री ने मामले को लिया गंभीर..

जानकारी के अनुसार सार्वजनिक उपक्रमों में नियोजित अनेकों ठेका कंपनियों द्वारा स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा की जा रही है जो की अनुचित है। मंत्री श्री देवांगन ने कोरबा जिले के समस्त उपक्रमों अन्यथा निजी ठेका कंपनियों से 07 दिन के भीतर कंपनी में कार्यरत अन्यथा स्थानीय और बाहरी श्रमिको की जानकारी व डेटा मांगी गई है।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार की मंशा भी स्थानीय लोगो को पहली प्राथमिकता देने अन्यथा काम पर रखने की है।

सही डाटा की जानकारी मिलने पर स्थानीय लोगों को मिलेगी रोजगार..

सार्वजनिक निजी कंपनियों में नियोजित जोकि वर्षों से ठेका कर्मी कार्य कर रहे हैं कितने श्रमिक काम पर हैं, श्रमिक स्थानीय है या फिर अन्य प्रांत के बाहरी व्यक्ति, इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने की दिशा में ठोस पहल नहीं हो पाती थी। निजी ठेका कंपनियों द्वारा मनमानी की जाती थी, अब श्रमिकों की वास्तिवक जानकारी सामने आने के बाद बेहतर प्रयास संभव हो सकेगा अन्यथा ठेका कर्मियों के साथ जो निजी कंपनियां उपेक्षा कर रहे है वो बंद होगी। उद्योग मंत्री श्री देवांगन स्थानीय बेरोजगारों के लिए लगातार सार्थक प्रयास करते हुए स्थानीय लोगों को कार्य पर रखवाने हेतु आश्वासन दी गई है।

निजी कंपनियां करते हैं गरीब कर्मचारियों के साथ शोषण, देते हैं कम दर, भरते हैं जेब..

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मानिकपुर,गेवरा, कुसमुंडा, दिपका अन्य कोयला खदानों में सुनियोजित ठेका कंपनियों के द्वारा एसईसीएल में काम मिलने पर बाहरी अन्य प्रांत के लोगों को पहली प्राथमिकता दी जाती है स्थानीय लोगों की उपेक्षा की जाती है। किसी तरह स्थानीय ठेका कर्मी कंपनी में कार्य पर लग भी जाते हैं तो उनके मासिक पेमेंट की कटौती एवं पीएफ कटौती नहीं करते हुए एवं अन्य सुविधाओं से वंचित करते हुए मानसिक एवं आर्थिक शोषण की जाती है। यहां तक की बिना नोटिस या जानकारी दिए बगैर ही कार्यरत कर्मचारियों को काम नहीं देते हुए कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। जानकारी के अनुसार प्रभावित प्रभावित छेत्र बालको, एनटीपीसी, कोयला खदान मानिकपुर, कुसमुंडा और दीपका है। निजी कंपनियों के द्वारा कर्मियों की जॉइनिंग होने पर जॉइनिंग लेटर भी उपलब्ध नहीं कराई जाती ठेका कर्मियों को। इस दौरान अपने हक अधिकार अन्यथा कर्मचारियों के द्वारा आंदोलन या हड़ताल की जाती है हाइलाइट एवं लीडर ठेका कर्मियों को काम नहीं देते हुए कंपनी से निकाल दिया जाता है जिस दौरान एसईसीएल में शिकायत करने के बावजूद की भ्रष्टाचार में लिप्त एस ई सी एल अधिकारियों के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती। जैसे कि मासिक पेमेंट में कटौती, तथा दैनिक हाजरी की कटौती, 8 घंटे ड्यूटी ना लेकर 12 घंटे की ड्यूटी , कार्य मांगने के दौरान अन्यथा कार्य पर रखने उपरांत स्थानीय लोगों अन्यथा ठेकाकर्मियों के साथ निजी कंपनियों की गुंडागर्दी व मारपीट की घटना की भी शिकायत और अन्य समस्याएं स्थानीय लोगों ने मंत्री जी के पास शिकायत की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री जी ने स्थानीय लोगों को पहली प्राथमिकता देते हुए उनकी हर समस्याओं का निराकरण करने जिले के समस्त एस ई सी एल मुख्य महाप्रबंधक एवं कार्यपालन अधिकारियो को मंत्री जी ने लिखित में पत्र लिखते हुए सात दिवस के भीतर कार्यरत कर्मियों की डेटा की जानकारी देने हेतु तलब किया है।

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