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मामला स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा : एम.पी.डब्ल्यू सुनील शर्मा शहरी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण में घुसपैठ का राज क्या है…?

कटघोरा (आई. बी.एन -24) कटघोरा नगरीय निकाय क्षेत्र के दो लोगो का अकाल मृत्यु से मौत हो गया दोनो व्यक्ति परिवार के मुख्या थे इन्ही के बदौलत परिवार से घर चलता था। इनके मौत के बाद अब घर का अर्थतंत्र शून्य सा हो गया है लेकिन कटघोरा विकासखण्ड के स्वास्थ्य अमला का एक से बढ़कर एक कारनामा उजागर हो रहा है। जिसमें एम पी डब्ल्यू के पद पर कार्यरत सुनील कुमार शर्मा इनका मूल पदस्थापना आदर्श नगर कुसमुंडा नगर निगम क्षेत्र कोरबा है। लेकिन अपना नेतागिरी चमकाने और पूर्व बी एम ओ रुदपाल सिंह का परम भक्त होने के कारण पहले जवाली व अभी वर्तमान में कसाईपाली में अटैच किया गया है।
श्री शर्मा अपने आप को ऊंचे ओहदे का हवाला देते हुए रौब दिखाता है। अपने संगठन के लोगों को उचकाकर,बरगला कर अधिकारियों से अपना उल्लू सीधा करता है। संगठन के नाम पर धब्बा, आज तक इनके द्वारा संगठन को किसी भी कर्मचारियों का लाभ नहीं हुआ है।
बी. एम. ओ बचाओ अभियान में इन्होंने ऐसा दिखा रहा था जैसे हम रुदपाल सिंह को बचा लेंगे और हमारा तानाशाही बरकरार रहेगा। लेकिन कहते है भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। सुनील शर्मा एम पी डब्ल्यू के परिवार को सांप काटा होता तो क्या इस तरह का छिछोडापन का हरक़त करता? क्या इसके बच्चे का मौत होता तो ये घटिया नेतागिरी करता? भगवान न करे कि इसके साथ ऐसा कुछ हो। लेकिन इसके कदाचरण कार्यशैली इतना घटिया निम्न स्तर का होगा कभी कल्पना नहीं किया जा सकता है। अपने डयूटी को छोड़कर अधिकारियों का चरण वन्दन गुलामी करना इसका प्रमुख कार्य है। वेतन शासन से लेता है लेकिन शासन के प्रति कर्तव्यनिष्ठ नही है। सुनील शर्मा को वर्तमान बीएमओ डॉ रंजना तिर्की के विषय पर किसी प्रकार का कोई जानकारी नही है परन्तु ये सुनील शर्मा उसके कार्यशैली पर किस आधार पर सवाल उठाया? यह समझ से परे है
रविवार को जो बैठक हुआ उसमें वर्तमान बीएमओ के विषय पर अनर्गल टिप्पणी किया गया जो अशोभनीय हैं। सुनील शर्मा का जांच होना चाहिए कि यह व्यक्ति शहरी एरिया आदर्श नगर कुसमुंडा को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में घुसपैठ जमाना कही न कहीं गहरा सन्देह पैदा कर रहा है जिसका जांच होना अति आवश्यक है।
सुनील शर्मा एम पी डब्ल्यू कर्मचारियों के हित लिए नेतागिरी करता तो जायज था लेकिन पूर्व बीएमओ रुदपाल सिंह के बचाव के लिए नेतागिरी करता है जो समझ से परे हैं।इनका नेतागिरी कर्मचारियों का हित सर्वप्रथम होना चाहिये था।

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