कोरबा (आई.बी.एन -24) कोरबा जिले में चावल का अफरा तफरी का बड़ा खेल खेला जा रहा है, जिसमे समय समय पर खाद्य विभाग द्वारा दिखावे की कार्यवाही की जाती है, लेकिन बड़े सरगना तक हाथ नही पहुंच पाते है क्योंकी मिलीभगत रहते है इसी कड़ी में कटघोरा थाना में रात को 112 के द्वारा सूचना मिली की पिकअप में 17 बोरी चावल का अफरा तफरी किया जा रहा है, जिसमे 112 के द्वारा UP 64 BT 1378 पिकअप को थाना लाया गया, जिसकी जांच खाद्य विभाग के फूड ऑफिसर या इंस्पेक्टर के द्वारा की जानी चाहिए थी, लेकिन यहां नान प्रबंधक के द्वारा कटघोरा थाना में लिखित आवेदन प्रस्तुत कर बताया गया की बंद पिकअप में 40 बोरी चावल का सोसाइटी में ट्रांसपोर्टिंग किया जा रहा था, जिसमे ग्रामीणों के द्वारा गाड़ी को पकड़ के 112 के हवाले किया गया था,
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिकअप को छुड़ाने के लिए नान प्रबंधक कोरबा उमेश पाण्डेय स्वयं थाना उपस्थित हुए, और गाड़ी को नान के द्वारा लिखे गए आवेदन और सरपंच के लिखे पत्र के आधार पर थाना से छुड़ा लिए है, इस पूरे कार्य शैली से नान प्रबंधक और ट्रांसपोर्टर की मिली भगत की बात सामने आ रही है,
बीना पंचनामा बीना खाद्य विभाग के जानकारी के कैसे नान प्रबंधक किसी गाड़ी के लिए किसी थाना तक आ सकते है, लोगो के गले से ये बात नही उतर रही है।
नान प्रबंधक का कार्य गोदाम से गाड़ी निकलने के बाद खत्म हो जाता है उसके बाद पूरा जिम्मा खाद्य विभाग के कंधे पर आता है, लेकिन सोचने की बात यह थी की कटघोरा खाद्य विभाग के खाद्य अधिकारी मुकेश अग्रवाल को पूरे घटना क्रम की जानकारी ही नही थी, और नान प्रबंधक गाड़ी थाना से ले गए, यह घटना लगातार कटघोरा और पाली में भी लगातार जारी है जिम्मेदार अधिकारी के मिलीभगत से यह कार्य हो रहा है , तभी जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद करके बैठे है और घोटाले के लिए पूर्ण खुले छोड़ देते है।