रायपुर (आई.बी.एन -24) छत्तीसगढ़: प्रदेश के दूरदराज इलाकों से आ रही धर्मांतरण की खबरों के बीच अब राजधानी रायपुर भी इसकी चपेट में आ गई है। शुक्रवार को सरस्वती नगर थाना क्षेत्र के रामनगर इलाके में धर्मांतरण को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शनि मंदिर के पास दिशा कॉलेज रोड पर धर्मांतरण की सूचना मिलने के बाद जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
बजरंग दल के सदस्यों के अनुसार, उन्हें जानकारी मिली थी कि एक हॉल में बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा करके उनका जबरन ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराया जा रहा है। मौके पर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने पाया कि 100 से अधिक महिलाओं और पुरुषों को एक साथ जमा किया गया था। आरोप है कि इन लोगों को पैसे, नौकरी और बीमारी ठीक करने का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाया जा रहा था। इस सूचना पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तत्काल विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
सूचना मिलने पर सरस्वती नगर पुलिस थाने का दल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए धर्मांतरण के इस कथित प्रयास में शामिल पास्टर सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसके अतिरिक्त, मौके पर मौजूद 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन सभी लोगों से गहन पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि क्या उन्हें वास्तव में जबरन धर्मांतरण के लिए उकसाया जा रहा था और क्या उन्हें किसी प्रकार का लालच दिया गया था।
यह घटना छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों के बीच हुई है, जहां ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में ऐसे कई आरोप पहले भी सामने आ चुके हैं। राज्य सरकार और विभिन्न धार्मिक संगठन इस मुद्दे पर अपनी-अपनी चिंताएं व्यक्त कर चुके हैं। बजरंग दल और अन्य हिंदूवादी संगठन लगातार धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और उनका दावा है कि भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
इस मामले ने एक बार फिर धर्मांतरण विरोधी कानूनों को लेकर बहस छेड़ दी है। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी कानून मौजूद है, लेकिन ऐसे मामलों में अक्सर सबूत इकट्ठा करना और जबरन धर्मांतरण को साबित करना चुनौतीपूर्ण होता है। पुलिस का कहना है कि वे निष्पक्ष जांच करेंगे और यदि जबरन धर्मांतरण के आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान और उनके बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह देखना होगा कि इस मामले में जांच क्या मोड़ लेती है और क्या इससे राज्य में धर्मांतरण के खिलाफ चल रही बहस पर कोई नया प्रभाव पड़ेगा।