वन परिक्षेत्र पाली के बतरा सर्किल पर पुलिया निर्माण कार्य में किया जा रहा भ्रष्टाचार।

कोरबा (आई बी एन – 24) वन मंडल कटघोरा अंतर्गत वन परिक्षेत्र पाली में तत्कालीन रेंजर द्वारा धन बटोरने की नीयत से अपने कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार से कार्य कराए गया है, जिसमे सभी कार्यों का बंटाधार नजर आ रहा है, जहां शासन से निर्धारित मापदंड के विपरीत हुए कार्यों की अल्प समय मे ही दुर्दशा देखने को मिल रही है। वन मंडल कटघोरा के अधीन वन परिक्षेत्र पाली के बतरा सर्किल के बाहरी झरिया पुलिया में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत पर ग्रामीणों ने बताया कि पूरा मामला वन परीक्षेत्र पाली का है, मीडिया को ग्रामीणों ने बताया कि तत्कालीन रेंजर द्वारा किया गया भ्रष्टाचार जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त को करने की ठानी है, कटघोरा वन मंडल के वन परीक्षेत्र पाली अंतर्गत आने वाले बतरा सर्किल के बाहरी झरिया पुलिया निर्माण में गुणवत्ताहीन तरीके से , चल रहे पुलिया रपटा निर्माण पर कार्य एवं भुगतान पर रोक लगाने एवं दोषियों पर कार्यवाही हेतु, ग्रामीणों ने प्रशासन से मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई है , ग्रामीणों ने बताया कि वन मंडल कटघोरा के अधीन वन परीक्षेत्र पाली के बतरा सर्किल में बाहरी झरिया पुलिया निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, जो काफी गुणवत्ताहिना तरीके से किया जा रहा है , पुलिया में अभी से दरारें दिखनी शुरू हो गई है, कहीं ऊंचा कहीं नीचा पुलिया को इस भांति बनाया जा रहा है, कि महज एक ही बारिश में नहीं टिक पाएगा, इस प्रकार से गुणवत्ताहिना कार्य को ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है, ठेकेदार के निर्माण कार्य से समस्त ग्रामवासी खासे नाराज हैं , ग्रामवासियों ने शिकायत पर मीडिया को बताया कि हमारी बात को आप शासन प्रशासन को आपके (मीडिया) के माध्यम से शासन प्रशासन तक जाए और उच्च अधिकारी मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही हेतु निवेदन किए हैं , इससे पहले वनमंडल कटघोरा के अंतर्गत वन परिक्षेत्र केंदई का एक और मामला सामने आया था, जिसमें बारिश से लाखों की लागत से बनाई गई पुलिया पानी में बह गई थी , इस पुलिया का निर्माण गांव के लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए निर्माण किया गया था, ताकि ग्रामीणों को सुविधा मुहैया कराया जा सके, लेकिन कमीशन के बंटवारे में वन विभाग स्टॉप डेम की गुणवत्ता पर ध्यान देना ही भूल गए, नतीजा सामने था, कि एक ही बारिश में स्टॉप डेम बारिश के एक फुहार को भी सह ना सके और बह गया था, यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी केंदई से मदनपुर पंचायत के ग्राम पंचायत कैरोंदियापारा में जाम पानी के बीच 2 साल पहले भी पुल का निर्माण कराया गया था, पर वह भी वन विभाग के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई गुणवत्ताहीन बनाए गए , पुलिया की वजह से ऐसा होते आ रहा है, बजाय राशि के बंटवारे को ज्यादा तवज्जो दिया जा रहा है, जिसमें नतीजा सामने है वन विभाग में निर्माण कार्य बतरा सर्किल के बाहरी झरिया पुलिया पर भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है , विभाग द्वारा जिस तरह से कार्य कराया जा रहा है, जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, मामले में जांच होता है तो वह इसकी जांच का जिम्मा किसका है.? कौन इसकी जांच करता है.? क्या उसको खामियां नजर नहीं आती या फिर उनको भी पैसे की चमक ने अंधा कर दिया है। यह सभी सवाल अभी ज्वलंत है। जिनका जवाब कभी न कभी वन विभाग को देना होगा , आखिर तत्कालीन रेंजर ने गुणवत्ता का ध्यान क्यों नहीं रखा, क्या इसके पीछे उनके उच्च अधिकारियों का भी हाथ है, यह जांच का विषय है मामले का जांच के बाद ही बात सामने आएगा।