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भ्रष्टाचार मामले पर अब तक नहीं हुई कार्यवाही, जिला प्रशासन और कुसमुंडा एसईसीएल का संरक्षण ,निजी कंपनी में की जाती है कर्मचारियों का अटेंडेंस और कोयला गाड़ियों की ट्रिप चोरी।

कुसमुंडा खदान SSSJV प्रबंधक राजेश टांडी भ्रष्टाचार मामले पर जिला प्रशासन मौन ,उच्च अधिकारियों के संरक्षण प्राप्त कर कंपनी प्रबंधक के हौसले बुलंद।

कोरबा (आई बी एन – 24)। कुसमुंडा कोयला खदान में कार्यरत निजी कंपनी sssjv के कंपनी प्रबंधक राजेश तांडी ने गुप्त तरीके से कर्मचारियों के अटेंडेंस और कोयला गाड़ीयों का ट्रिप चोरी करते हुए, और डुप्लीकेट डीजल ओं का गाड़ियों में उपयोग करते हुए लाखों–करोड़ों रुपए का प्रतिमाह किया जा रहा गबन। एसईसीएल और जिला प्रशासन को सूचना एवं शिकायत करने उपरांत भी लगभग 2 माह बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है इसे जिला प्रशासन और एसईसीएल का मिलीभगत कहें या फिर संरक्षण?

कुसमुंडा खदान में काम कर रहे ठेका कर्मियों का एसईसीएल में एमटीके नहीं लगवाई जा रही लगभग कर्मचारियों को कंपनी में कार्य करते हुए डेढ़ साल हो गई हैं और आज तक समस्त कर्मचारियों को प्रतिमाह पूरी हाजिरी नहीं मिली है।

बता दें कि कंपनी प्रबंधक राजेश तांडी ने गुप्त तरीके से समस्त कर्मचारियों का अटेंडेंस और कांटा घरों पर कोयला गाड़ियों का ट्रिप को लेकर चोरी किया जाता रहा है। इस मामले को लेकर कर्मचारियों ने जिला कोरबा कलेक्टर, एसपी और कुसमुंडा थाने में शिकायत की जा चुकी है। इसी प्रकार हमारे द्वारा पूर्व में खबर प्रकाशित की जा चुकी है परंतु अब तक कंपनी के ऊपर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसे जिला प्रशासन और कुसमुंडा एसईसीएल की मिलीभगत कहें या फिर दोनों ने दे रखा है निजी कंपनी प्रबंधक को संरक्षण?

कर्मचारियों की शिकायत है कि कंपनी प्रबंधक राजेश तांडी समस्त कर्मचारियों के साथ बदसलूकी से पेश आते हुए आए दिन कार्य के निकालने की ठेका कर्मियों धमकी दी जाती है। कुछ दिनों पूर्व जानकारी मिली थी कि कंपनी प्रबंधक राजेश तांडी ने फिर से कर्मचारियों को परेशान करना शुरू कर दिया है। अटेंडेंस मामले को लेकर किसी मुकेश अग्रवाल देखरेख कर रहा है और इसी व्यक्ति के द्वारा ठेका कर्मियों का हाजरी लिस्ट बनाई जाती है जबकि एसईसीएल में कर्मचारियों का हाजिरी लगना चाहिए। परंतु मुकेश केडिया के द्वारा ठेका कर्मियों के अटेंडेंस में फेरबदल करते हुए कुछ ही कर्मचारियों का अटेंडेंस एसईसीएल में हाथों हाथ दिया जाता है जो कि पूरी तरह से अनुचित है। जिला प्रशासन और एसईसीएल के आला अधिकारियों को अवगत, सूचना शिकायत कराने उपरांत भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। एक प्रकार से कुसमुंडा खदान में भ्रष्टाचार मामले को लेकर निजी कंपनियों और चोरों को दिया जा रहा संरक्षण।

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