नेवसा / बेलतरा (आईबीएन-24) बेलतरा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम नेवसा उसराभांठा में पांच दिवसीय श्री शिव महापुराण एवं श्री राम कथा का आयोजन की जा रही जिसमे पाली निवासी कथा वाचिका पूज्या श्रीमती हेमलता शर्मा के मुखारबिंद से किया जा रहा है, कथा का शुभारंभ भव्य शोभायात्रा देव आह्वान के साथ 15 अप्रैल को हुआ ,जिसमे यजमान रजनी – केशव कोरी, राजेन्द ओमकुमारी – द्वारिका – कांति विश्वकर्मा ,गजानंद -रंजना , आज कथा के दूसरे दिन कथा वाचिका पूज्या दीदी हेमलता शर्मा ने सती चरित्र की कथा का श्रोताओं को श्रवण कराते हुए कहा की अहंकार की नाश का कारण है जिसका जीता जगता उदाहरण सती प्रसंग से जुड़ा हुआ है, जब भगवान शिव माता सती के साथ कैलाश से दक्षिण दिशा की ओर कुंभज ऋषि के आश्रम श्रीराम कथा सुनने गए तो भगवान शिव पैदल गए ना की आकाश मार्ग से क्योंकि ऊंचाई का अर्थ अहंकार से है जबकि भगवान की कथा या भक्ति धरातल पर रहकर की करना चाहिए, भगवान शिव जब कुंभज ऋषि के आश्रम पहुंचे तो उन्होंने कुछ दिन वही रुककर भगवान श्रीराम जी की कथा सुनी, किंतु सती को इसी बीच अहंकार आ गया और सोचने लगी की भगवान शिव स्वयं सर्वव्यापी होकर भी कुंभज ऋषि के आश्रम में राम कथा सुन रहे है और उन्होंने श्रीराम जी की कथा को अनसुना कर दिया, इसी अहंकार के कारण माता सती को अपने ही पिता के घर प्राण त्यागने पड़े थे, आगे कथा व्यास श्रीमती हेमलता शर्मा ने कहा की हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है जहां हमारा मन और हृदय अनेक भावों के वशीभूत होकर संचालित होता है। बुद्धि और विवेक से जुड़े ये भाव हमसे अपने स्वरूप के अनुसार निर्णय कराते हैं और शरीर को उनके अच्छे या बुरे परिणाम झेलने पड़ते हैं। ये सभी भाव विभिन्न रसों के रूप में हमारे मस्तिष्क, विचार और व्यवहार को नियंत्रित करते हैं और प्रेरक भी बनते हैं। किंतु इसी मस्तिष्क में विकार या अहंकार रूपी क्रोध आ जाए तो यही नाश का भी कारण बनता है और जीवन के सभी सुखों को नष्ट कर देता है। ग्राम उसराभांठा नेवसा में आयोजित श्री शिव महापुराण एवं श्री राम कथा का शुभारंभ 15 अप्रैल से प्रारंभ हुई है जो 19 अप्रैल तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होकर शाम 7 बजे तक मॉडर्न पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर नेवसा में आयोजित हो रही है आयोजक समिति ने सभी क्षेत्र वासियों व ग्रामवासी को अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है श्रोता गण में आज कोरी बुनकर समाज के अध्यक्ष राम मनोहर कोरी वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहन लाल कोरी राधेश्याम कोरी शैलेंद्र कोरी कन्हैया लाल कोरी रवि कोरी दिनेश कोरी मनबोध कोरी जवाहर सोनी श्रीमती रत्ना सोनी कल्याणी कश्यप आशा कश्यप भगवती सोनी प्रतिभा सॉरी देवी सूर्यवंशी एवं आसपास के श्रोता का उपस्थित रहे
उक्त कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रदान कर रहे जिसमें हेमलरामेश्वरी ,नमिता ,सोम ,कविता, प्रतिभा है ।