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विधानसभा से डीएमएफ के 5 करोड़ 29 लाख के आबंटन की जानकारी छुपाने के मामले में जांच कमेटी गठित

कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा पर डीएमएफ से तीन वर्षों में प्राप्त 50 करोड़ के आबंटन में राज्य भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने का लगा है आरोप

कोरबा (आईबीएन-24) कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) से पिछले 3 वित्तीय वर्षों में प्राप्त आबंटन में विधानसभा से 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए की जानकारी छुपाकर भ्रामक जानकारी भेजकर विधानसभा को गुमराह करने 50 करोड़ 35 लाख 19 हजार के आबंटन में राज्य भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने के मामले में संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग के पत्र के बाद जिला प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है। अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय कमेटी शीघ्र कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।

यहां बताना होगा कि कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कोरबा को जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) मद से पिछले 3 वित्तीय वर्षों 2019 -20 ,2020 -21 एवं 2021 -22 में प्राप्त आबंटन एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार ,अंडा ,केला,लड्डू खाद्य सामग्री की क्रय प्रक्रिया को लेकर विधानसभा में भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 के माध्यम से शीतकालीन सत्र में जानकारी मांगी थी।समयावधि में व संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ग्रीष्मकालीन अंतरिम विधानसभा सत्र में भी श्री अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 650 के माध्यम से पुनःजानकारी मांगी । जिसका जवाब 20 जनवरी 2023 को भेज दिया गया। उक्त दोनों प्रश्नों के कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रेषित जानकारी में भिन्नता पाई गई है। संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने पत्र क्रमांक 15665 दिनांक 24/02 /2023 के माध्यम से कलेक्टर कोरबा को पुनः पत्र लिखकर विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 का कोरबा जिले से प्रेषित उत्तर एवं भण्डार क्रय नियम के प्रावधानों के अधीन सुसंगत कार्यवाही एवं जांच प्रतिवेदन मांगा है। पूर्व प्रेषित पत्र क्रमांक 11401 दिनांक 24 .01.2023 के संदर्भ में यह जानकारी मांगी है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि प्रश्न के क भाग में वर्ष 2019 -20 ,20 -21,21 -22 व 22 -23 में कितनी कितनी राशि इन जिलों में किन किन कार्यों के लिए प्राप्त हुई है कि जानकारी चाही गई थी। कोरबा जिले से प्राप्त उत्तर में प्राप्त राशि के संबंध में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 650 में पूर्व में जिलों से जानकारी प्राप्त की गई थी। पूर्व में प्रेषित जानकारी व प्रश्न क्रमांक 599 में प्रेषित जानकारी में अंतर पाया गया है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 650 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 14 करोड़ 67 लाख 70 हजार 395 रुपए का उल्लेख है। वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 5 करोड़ 25 लाख 67 हजार 52 रुपए का उल्लेख है। जबकि विधानसभा प्रश्न क्रमांक 599 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 13 करोड़ 79 लाख 76 हजार 919 रुपए का उल्लेख है।दोनों प्रश्नों के प्रेषित उत्तर में 87 लाख 93 हजार 476 रुपए का अंतर आया है। इसी तरह प्रश्न क्रमांक 599 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 83 लाख 98 हजार 40 रुपए का उल्लेख है।दोनों प्रश्नों के प्रेषित उत्तर में 4 करोड़ 41 लाख 69 हजार 12 रुपए का अंतर आया है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 599 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2022 -23 में 35 करोड़ 71 लाख 44 हजार 800 रुपए का उल्लेख है। इस तरह वित्तीय वर्ष 2020 -21 एवं वित्तीय वर्ष 2021 -22 के संदर्भ में प्रेषित दो समान प्रश्नों के उत्तर में ही 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए का अंतर आया है। प्रश्न क्रमांक 599 में प्रेषित उत्तर में उक्त राशि कम दर्शाई गई है। यही नहीं संचालक के कलेक्टर कोरबा को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से किए जाने का उल्लेख है। राज्य भंडार क्रय नियम के नियम -8 के तहत राज्य शासन के अन्य विभागों एवं उनके उपक्रमों से सामाग्रियों का क्रय के उपनियम 8 .1 के अनुसार
पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से सीधे किए जाने का प्रावधान नहीं है। इस संबंध में जिला स्तर पर अपनाई गई क्रय प्रक्रिया का परीक्षण करते हुए भंडार क्रय नियम का पालन न करने के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण किये जाने की आवश्यकता है। जिलों द्वारा विभिन्न सामाग्रियों का क्रय जेम पोर्टल अथवा खुली निविदा के माध्यम से क्रय की गई है। पर दस्तावेजों का अवलोकन करने पर पाया गया कि क्रय प्रक्रिया के भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है। संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने सामग्रियों के क्रय प्रक्रिया पर जिला स्तर पर सक्षम अधिकारियों से जांच कराया जाकर प्रत्येक प्रकरण में पृथक पृथक टीप प्रेषित किए जाने की अपेक्षा की थी। संचालक ने सभी बिंदुओं का परीक्षण कराकर अभिमत एक सप्ताह के भीतर सुसंगत दस्तावेज सहित प्रेषित किए जाने का उल्लेख किया था। संचालक के पत्र के परिपालन में जिला प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है। अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी गठित की है। जिसमें अपर कलेक्टर अध्यक्ष,जिला पंचायत सीईओ,महाप्रबंधक उद्योग,जिला कोषालय अधिकारी सदस्य एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य सचिव के तौर पर शामिल किए गए हैं। कमेटी बिंदुवार प्रकरण की जांचकर शीघ्र कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।

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