पोंडी उपरोड़ा (आई.बी.एन -24) भारत में वैसे मजदूर जिन्हें काम करने का तरीका न आता हो, उन्हें सीधे तौर पर आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने 7 सितंबर 2005 से महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना MGNREGA की शुरुआत की थी। इस योजना से जुड़कर रोजगार पाने के लिए मजदूर का एक कार्ड बनता है, जिसे जॉब कार्ड कहा जाता है। इसी कार्ड में मजदूर की दैनिक हाजिरी सहित मजदूर को कितने दिन का रोजगार मिला है जैसी तमाम जानकारियों का लेखा-जोखा होता है। ये कार्ड कोई भी इच्छुक मजदूर पंचायत की सहायता से बनवा सकता है
प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक रोजगार सहायक होता है, जिसका काम मुख्य पंचायत के सभी जॉब कार्ड धारकों को हर हाल में 100 दिनों का काम उपलब्ध कराना होता है। जॉब कार्ड वालों को काम नहीं दे सका तो मनरेगा का नियम कहता है कि काम न पाने वाले जॉब कार्ड धारकों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाये जिसका अपना एक नियम है। यानी कि मनरेगा योजना में काम करने वाले मजदूरों का जॉब कार्ड अनिवार्य है।
सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और जिरोटालरेंस की निति पर काम करने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ कोरबा जिले में कार्यरत जिम्मेदार अधिकारियों के चलते केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जमीनी धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है. ग्राम कोरबी (सिं ) गांव के मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कर मजदूरों को दूसरे प्रदेश में पलायन से रोकने के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना , जिम्मेदारों प्रशासनिक व्यक्तियों के चलते भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई है , आज
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा जिला कोरबा में, रोजगार सहायक मुकेश कुर्रे द्वारा सफाई कर्मियों के नाम से फर्जी हाजिरी भरने के संबंध में शिकायत किया गया है, ग्राम पंचायत कोरबी (सिंधिया) विकासखंड पोंडी उपरोड़ा के रोजगार सहायक मुकेश कुरें द्वारा मिली भगत कर ग्राम पंचायत कोरबी (सिं) के मिडिल स्कूल में सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत श्रीमती रामेश्वरी मरकाम तथा ग्राम पंचायत कोरबी के आश्रित ग्राम अचानकपुर के प्राथमिक शाला में सफाई कर्मों के पद पर कार्यरत श्रीमती लता सारोठिया से मिली भगत कर मनरेगा कार्यों में इनका फर्जी हाजिरी भरा जा रहा है।
जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जनपद सीईओ को किया है जिसमे निवेदन किया है तत्काल उचित कार्यवाही करते हुए रोजगार सहायक से पैसे की रिकवरी करते हुए पद से हटाने की मांग शिकायत कर्ताओं ने किया ,जिससे अक्रोशित होकर रोजगार सहायक ने अपने पद का दुरुपयोग कर शिकायत करता महिला की रोजगार गारंटी योजना से उसका नाम काट दिया ,इस तरह से मनमानी एवम भ्रष्टाचार चरम पर है, यदि कोई व्यक्ति गलत कार्यों का विरोध करता है तो उसके खिलाफ जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करके नाम काट दिया जाता है, इस प्रकार के ग्राम पंचायत कोरबी (सिंघिया) पंचायत भ्रष्टाचार व्याप्त है ,यदि जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मौके पर उचित कार्यवाही नही करने पर ,इनकी मनमानी थामने वाला नही है ,फिलहाल इस शिकायत से पहले जो शिकायत किया गया है उसमे जनपद सीईओ पोंडी उपरोड़ा ने जांच टीम गठित कर दिया है जिसमे रोजगार सहायक से संबंधित जांच का प्रतिवेदन तीन दिवस के अंदर जांच अधिकारी द्वारा जनपद सीईओ को सौंपे जाने की बात का उल्लेख किया गया है।