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क्राइमछत्तीसगढ़राजनीति

काम बंद कलम बंद ,एक सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव संघ।

संवाददाता : दीपक महंत।

कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा (आई बी एन -24)इन दिनों ग्राम पंचायत सचिव नियमीकरण को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. हड़ताल पर बैठे सचिवों को पंचायत संचालनालय से नोटिस भी जारी किया गया कि 24 घंटे के भीतर काम पर लौटें. सचिवों ने इन आदेशों को ठेंगा दिखा दिया. ज्ञात हो कि सचिव संघ बीते पांच दिनों से नियमितीकरण मांग को लेकर हड़ताल पर डटा हुआ है. सचिव संघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने की गारंटी में सचिवों को नियमितीकरण करने का वादा किया गया था । विधानसभा चुनाव 2023-24 के दौरान मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा कर सचिवों को आश्वस्त किया गया था। पंचायत सचिव विगत 30 वर्षों से पंचायतों में सेवाएँ दे रहे हैं और वे इस गारंटी के पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसी विषय पर 7 जुलाई 2024 को इंडोर स्टेडियम रायपुर में माननीय मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा घोषणा पत्र संयोजक की उपस्थिति में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को अति आवश्यक मानते हुए शीघ्र कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया गया था।

मुख्यमंत्री महोदय ने इस संदर्भ में तत्काल कमेटी गठन करने की घोषणा की थी। 16 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गठित समिति को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। समिति ने प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया, जिससे पंचायत सचिवों को उम्मीद थी कि बजट सत्र में शासकीयकरण की घोषणा होगी। लेकिन बजट सत्र में यह विषय नहीं आया और सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई, जिससे प्रदेश के पंचायत सचिवों में आक्रोश फैल गया। इसलिए पंचायत सचिव संघ ने 18 मार्च 2025 से प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। इसके बावजूद सरकार ने पुनः एक समिति का गठन कर दिया, जिसमें कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई।
सचिवों को विधानसभा के दौरान मोदी की गारंटी के तहत मांग पूरी करने के आश्वासन से बेहद उम्मीदें थी, लेकिन सरकार गठन को लगभग एक साल पूरे होने के बाद भी ठोस पहल नही हो सकी है। जिससे नाराज पंचायत सचिव 18 मार्च से जनपद मुख्यालय में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनके हड़ताल पर चले जाने से पंचायत के अलावा अन्य विभागों के संबंधित कामकाज प्रभावित हो रहा है। जिसे देखते हुए बीते दिनों सभी जिले के जिला पंचायत सीईओ को एक आदेश जारी किया गया था, जिसमे उनसे 24 घंटे के भीतर काम पर नही लौटने वाले पंचायत सचिवों के खिलाफ कार्रवाई संंबंधी निर्देश जारी करने कहा गया था। जिसकी प्रति जलाकर पंचायत सचिवों ने विरोध जताया था।

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