
कोरबा (आई.बी.एन -24) वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली कर रही थी पुलिस, इसी धर-पकड़ में प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल ने एक जनप्रतिनिधि के रिश्तेदार को पैसों की अवैध वसूली के लिए घंटो थाने में बैठा दिया। फोन पे पर आनलाइन पैसा किसी अन्य के फोन पे पर ट्रांसफर करवा लिए फिर उस पैसा हो अपने खाते में लिए, पैसा मिलने के बाद ही उसे थाने से छोड़ा गया। मामले की शिकायत के बाद एसपी ने अवैध वसूली के साक्ष्य मिलने पर टीआई और प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है, प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल की करतूत जनताओ से अवैध वसूली की कार्यावाही से अपने आपको बचाने के लिए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता विकास महतो और छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन से मिलकर फरियाद लगाएंगे ताकि फिर से जनताओं को लूटने के लिए जल्दी इस करतूत की दबा सके प्लान यह भी बना रहे है कि शिकायत कर्ता से शिकायत वापस लेने की दबाव भी बनाया जा रहा और बयान में परिवर्तन करवाए जाने की पूर्ण आशंका है।
कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने जिले में अवैध कारोबार और शराब से संबंधित मामले में सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिये है। लेकिन एसपी के इसी कड़े निर्देश को जिले के आउटर के थाना में वसूली का माध्यम बना बैठे है। कुछ ऐसा ही मामला बांगो थाना का सामने आया है। यहां पदस्थ थाना प्रभारी उषा सोंधिया पर वाहन चेकिंग और शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों से अवैध वसूली की गंभीर शिकायते मिल रही थी। इसी बीच थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल ने सचिन कुमार मिश्रा को वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ लिया। पुलिस जांच के दौरान सचिन कुमार मिश्रा ने शराब का सेवन कर रखा था। नियमतः उस पर पुलिस को कानूनी कार्रवाई करनी थी। लेकिन थाना प्रभारी के निर्देश पर प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल ने उसे थाने में बिठा लिया गया। इसके बाद कानूनी कार्रवाई करने और बाइक को न्यायायल से छुड़वाने का खौफ दिखाकर पैसों का डिमांड किया जाने लगा। सचिन कुमार के पास नगद पैसा नही होने पर उसने अपनी मजबूरी बतायी। लेकिन थाने में उसे घंटो बिठाकर रखा गया और काफी देर बाद आनलाईन 10 हजार 500 रूपये पेमेंट प्राप्त करने के बाद उसे थाने से जाने दिया गया प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल क्या जज हैं ..? जो छोड़ने के एवज में पैसा लिए छोड़ने या नहीं छोड़ने का फैसला जज का होता है। जज चाहे तो फ्री में छोड़ सकता है या 5 हजार में भी छोड़ सकता है वो जज के विवेक पर निर्भर करता है मौके पर स्वयं प्रधान आरक्षक जज बनकर ऑनलाइन पैसा ले लिए इस कारतूस से जिला के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने त्वरित संज्ञान में लेकर कार्यवाही के निर्देश दिया, इस अवैध वसूली की शिकायत सचिन कुमार ने पाली जनपद अध्यक्ष से करने के साथ ही एसपी सिद्धार्थ तिवारी से की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने मामले की जांच का निर्देश दिया गया। जांच में बांगो थाना प्रभारी उषा सोंधिया और प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल के खिलाफ अवैध वसूली के साक्ष्य मिलने के बाद एसपी ने दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, लेकिन प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल इस मामले से निजात पाने के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता विकास महतो सहित अन्य भाजपा नेताओं से संपर्क कर शिकायत कर्ता के शिकायत वापस लेने पर जोर देने की पूर्ण आशंका है, यहां पर एक सवाल और उत्पन्न होता है कि अवैध वसूली करने वाले पुलिस के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज होगा या ऐसे ही इनको छोड़ दिया जाएगा फिलहाल अभी तत्कालीन में लाइन अटैच कर दी गई है मामले में जांच कार्यवाही जारी है।