पाली महोत्सव के आयोजन को लेकर संशय बरकरार।

कोरबा (आई. बी. एन -24) जिले की पहचान लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम पाली महोत्सव के इस वर्ष के आयोजन को लेकर क्षेत्र वासियों मे संशय की स्थिति बन गई है. क्योंकि अब तक प्रशासन की ओर से कोई तैयारी धरातल पर नहीं दिख रही है।
जिला प्रशासन कोरबा द्वारा पाली महोत्सव की शुरुआत एक दशक पूर्व की गई थी और पिछले एक दशक में इस कार्यक्रम ने देश प्रदेश में अपनी अलग पहचान बना ली है. कोरबा जिले के सबसे बड़े लोक सांस्कृतिक महोत्सव के रूप में विख्यात हो रहा पाली महोत्सव प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर नगर के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व वाले प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ा हुआ है. इस महोत्सव के जरिए क्षेत्र और प्रदेश की लोक कला, संस्कृति, गीत संगीत से लोगों को रूबरू कराने आयोजन होता है. 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व है. लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से तैयारी को लेकर किसी भी प्रकार की सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है,
इसलिए लोगों के बीच में आम चर्चा है कि कहीं इस बार लोकसभा चुनाव के पूर्व लगने वाली आचार संहिता के कारण तो प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. सूत्रों के अनुसार मार्च के प्रथम पखवाड़े में आचार संहिता लागू हो जाएगी.अभी तक कोरोना काल के दौरान एक सत्र 2022 को छोड़ दिया जाए तो अब तक यह आयोजन प्रतिवर्ष सफलतापूर्वक निर्बाध रूप से होते आ रहा है. गत वर्ष पाली महोत्सव में जिस तरह से नामचीन कलाकारों हार्डी संधू ,पलक मुच्छल, अनुज शर्मा,आरु साहू सहित देश प्रदेश के सुप्रसिद्ध गायक और लोक कलाकारों ने जो प्रस्तुति दी थी उसकी यादें हजारों दर्शकों के जेहन में आज भी विद्यमान है और वह इस वर्ष और अच्छे आयोजन की उम्मीद कर रहे हैं.अमूमन आयोजन की तैयारी पंद्रह दिन पूर्व शुरू हो जाती है लेकिन अब तक कार्यक्रम स्थल पर वीरानी छाई है. अब तक कोई अधिकारी स्थल का जायजा लेने या निरिक्षण करने नहीं पहुंचा है.जबकि महज 10 दिन का समय शेष है, जिससे स्वाभाविक तौर पर संसद की स्थिति बन रही है.
पाली महाशिवरात्रि मेला 8 मार्च से।
शिव भक्तों के आस्था के केंद्र पाली के शिव मंदिर के तट पर प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि को लगने वाला मेला इस वर्ष 8 मार्च से 21 मार्च तक आयोजित किया गया है.नगर पंचायत पाली इसके आयोजन की तैयारी में जुट गया है.