श्री सिद्ध बाबा पब्लिक स्कूल बेलगहना के बच्चे चंद्रयान-3 की चन्द्रमा में सफल लैंडिंग के ऐतिहासिक पल के बने साक्षी।

बेलगहना (आई.बी.एन -24 न्यूज ) पुरे भारत के लिए गौरव का क्षण सभी ने मिठाई खिला दी एक दूसरे को बधाई दिनांक 23 अगस्त 2023 को सायं 05:27 चन्द्रयान-3 की चन्द्रमा में सफल लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में भारत के इस पराक्रम जिसमे चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतरने वाला विश्व में पहला देश बना इस गौरवशाली पल के साक्षी बनने के लिए श्री सिद्ध बाबा पब्लिक स्कूल बेलगहना में संस्था प्रमुख श्रीमती अजिता मिश्रा के कुशल नेतृत्व में आज 24 अगस्त को सुबह इसरो के ऑफिसियल वेबसाइट से रिकॉडिंग दिखाकर बच्चो को चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग के बारे में बताया श्रीमती अजिता मिश्रा ने बताया की यह यह पल हमारे लिए गौरान्वित करने वाला है इसरो के वैज्ञानिकों ने वह कर दिखाया जो विश्व के सफलतम राष्ट्रों में सुमार अमेरिका , चीन, जापान, रूस जैसे कई राष्ट्र नहीं कर पाए वह भारत के वैज्ञानिको ने मात्र 650 करोड़ की लागत में ही पूरा कर लिया महत्वपूर्ण बात यह है की इससे अधिक पैसा हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मो में लग जाता है |
भारत के मिशन मून चंद्रयान-3 को सफलता मिलने से अब अंतरिक्ष कारोबार में इजाफा होने वाला है। इससे एक ओर जहां भारतीय वैज्ञानिकों की दुनिया में धाक जमी है, वहीं इसरो की साख में भी बढ़ोतरी हुई है। क्योंकि चांद के अब तक अनछुए रहे दक्षिणी हिस्से में सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। इस सफलता के साथ ही भारत चांद के इस हिस्से में लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस सफलता ने विज्ञान, राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ाने के साथ ही भारत के लिए मालामाल होने के नए दरवाजे भी खोल दिए हैं। वहीं, भारत के साथ मिशन मून में प्रतिस्पर्धा कर रहा रूस का लूना 25 दुर्घटनाग्रत हो गया। दुनियाभर के विश्लेषकों और विशेषज्ञों को उम्मीद है कि लूना 25 की नाकामी और चंद्रयान-3 की सफलता से भारत के तेजी से उभरते अंतरिक्ष कारोबार को बहुत बढ़ावा मिलेगा। भारत और रूस के बीच चंद्रमा के अज्ञात क्षेत्र में पहले पहुंचने की अचानक शुरू हुई होइ ने 1960 के दशक की स्पेस रेस की यादें ताजी कर दी थीं। इस समय संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ में स्पेस में आगे निकलने की
होड़ चली थी। हालांकि, अब अंतरिक्ष एक कारोबार में तब्दील हो चुका है। अंतरिक्ष कारोवर के मामले में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग एक पुरस्कार है। दरअसल, चांद के इस क्षेत्र में ही पानी की बर्फ है। योजनाकारों को उम्मीद है कि इससे भविष्य में चांद पर कॉलोनी, खनन और मंगल मिशन को फायदा मिल सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी के प्रोत्साहन के चलते भारत ने अंतरिक्ष प्रक्षेपणों का निजीकरण कर दिया है। अब भारत इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलना चाहता है। भारत का लक्ष्य अगले दशक के भीतर वैश्विक प्रक्षेपण बाजार में अपनी हिस्सेदारी में पांच गुना बढ़ोतरी करना है चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र अपनी लागत प्रतिस्पर्धी इंजीनियरिंग का फायदा उठाएगा भारत किसी अंतरिक्ष अभियान को दुनिया के दूसरे किसी भी देश के मुकाबले कम खर्च में प्रक्षेपित कर देता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसरो के पास चंद्रयान-3 के लिए करीब 7.4 करोड़ डॉलर का बजट था। वहीं, नासा 2025 तक अपने आर्टेमिस मून प्रोग्राम पर करीब 93 अरब डॉलर खर्च करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही इसरो का चंद्रयान सफल हुआ. इससे जुड़े सभी लोगों का प्रोफाइल ऊंचा हो गया है। अब जब दुनिया का कोई भी देश ऐसे मिशन की योजना बनाएगा, तो इसरो की ओर मदद के लिए देखेगा यूक्रेन में युद्ध और बढ़ते अलगाव पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद भी रुस लून मिशन को लॉन्च करने में कामयाब रहा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों को लूना- 25 के बाद अगले मिशन को वित्तपोषित करने की रूस की क्षमता पर संदेह था।
चन्द्रयान-3 की चन्द्रमा में सफल लैंडिंग भारत में अंतरिक्ष विज्ञानं में महारथ को दर्शाता है विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान चन्द्रमा के साथ पर घूम घूम कर महत्वपूर्ण सूचनाएं इसरो को भेज रहा है इन सूचनाओं से भारत विश्व को चन्द्रमा अनसुलझे पहलुओं और जानकारियों को पुख्ता तौर पर बता रहा है संस्था प्रमुख अजिता मिश्रा ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए चंद्रयान से जुड़े सभी वैज्ञानिको को इस गौरव के पल का साक्षी बनने के लिए आभार व्यक्त करते हुए धायनवाद दिया उन्होंने संस्था में कार्यरत सुभ्रा मधु अमिता रोशनी सोनल कुमारी अर्चिता कुमारी रिश्ता कुमारी ऐश्वर्या और संस्था के शिक्षक मुकेश की भूमिका इस सफल आयोजन में सराहनीय रही उनके इस कार्य के लिए सभी शिक्षकों और बच्चो को मिठाई खिलाकर आभार व्यक्त किया