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8 पंचायतों ने 8 साल से दबा रखे थे विकास कार्यों के लिए जारी डीएमएफ के सवा करोड़ की लागत से स्वीकृत 12 कार्य ,जनपद सीईओ ने धारा -92 के तहत रिकवरी के लिए दी अंतिम नोटिस ,सहमे 5 पंचायतों ने शुरू किए काम,3 पंचायतों ने 16 .30 लाख डकारे ,अब होगी रिकवरी।

कोरबा । आकांक्षी जिला कोरबा के ग्राम पंचायतों के अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) से जारी शासकीय धनराशि से कार्य नहीं कराकर शासन की मंशा पर पानी फेर लाखों रुपए दबाए बैठे तत्कालीन सरपंच सचिवों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पूर्व शासकीय राशि की वसूली की कवायद तेज हो गई है। कलेक्टर के कड़े फरमान के बाद जनपद पंचायत करतला के सीईओ ने 08 ग्राम पंचायतों के वर्तमान एवं तत्कालीन सरपंच ,सचिवों को पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण भेजने अंतिम नोटिस दी है।इन्होंने 1 करोड़ 25 लाख 22 हजार रुपए के स्वीकृत 12 कार्यों के लिए जारी 83 लाख 92 हजार दबाए बैठे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावी के आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के चंद माह पूर्व जारी इन नोटिसों ने खलबली मचा दी है। सीईओ के नोटिस के बाद कार्रवाई के डर से 5 पंचायतों ने 67 लाख जारी होने के बाद भीलटकाए रखे 8 विकास कार्य प्रारंभ कर दिया है। वहीं 16 लाख 30 हजार की शासकीय राशि जारी होने के बाद भी 4 कार्य लटकाए रखे 3 पंचायतों के गबनकारी सरपंच सचिवों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण भेजने की तैयारी की जा रही है।

कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला से प्राप्त जानकारी अनुसार डीएमएफ से 2016-17 से 2020 -21 के मध्य 8 ग्राम पंचायतों कर्रापाली,कथरीमाल, पीडिया,करतला,सरगबुंदिया,कनकी,तरदा एवं पुरैना को 12 विभिन्न अधोसरंचनात्मक कार्यों मुक्तिधाम निर्माण ,मुक्तिधाम प्रतीक्षालय निर्माण ,पंचायत भवन पीडीएस भवन निर्माण ,मध्यान्ह भोजन कक्ष निर्माण ,पुलिया निर्माण ,स्टेडियम सुधार ,अहाता निर्माण ,आंगनबाड़ी भवन निर्माण ,शाला भवन निर्माण आदि करीबके लिए कुल 1 करोड़ 25 लाख 22 हजार की स्वीकृति दी गई थी। जिसके लिए 83 लाख 92हजार की राशि जारी की जा चुकी थी। लेकिन आज पर्यंत ये सभी कार्य पूर्ण नहीं हो सके हैं। जिसे देखते हुए करतला जनपद सीईओ ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पूर्व सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित पंचायतों के जिम्मदार तत्कालीन सरपंच सचिवों को उक्त राशि से निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ करने 10 अक्टूबर 2024 को अंतिम नोटिस दिया था। जिसके तहत ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत कर्रापाली ,कथरीमाल एवं पीड़िया ने 26 लाख 90 हजार की स्वीकृत कार्यों के लिए 16 लाख 30 हजार की राशि जारी करने के धारा -92 के तहत नोटिस दिए जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ करने कोई रुचि नहीं दिखाई। ग्राम पंचायत कथरीमाल के पूर्व सरपंच रामकुमार बियार से 12 लाख की रिकवरी की जानी है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में कथरीमाल को पंचायत भवन एवं पीडीएस भवन निर्माण कार्य के लिए 16 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई थी। जिसके लिए 12 लाख की राशि प्रदाय की जा चुकी है। लेकिन यह कार्य आज पर्यंत अधूरा है।
कर्रापाली के पूर्व सरपंच सुमेंद सिंह कंवर ने 10 लाख के डीएमएफ की राशि दबा रखी है। वित्तीय वर्ष 2019 -20 में टोण्डा में मुक्तिधाम एवं कर्रापाली में मुक्तिधाम ,प्रतीक्षालय निर्माण के लिए 5 -5 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की थी।
दोनों कार्यों के लिए 2 -2 लाख रुपए जारी किए गए थे। लेकिन कार्य आज पर्यंत नहीं किए गए। पीडिया में वित्तीय वर्ष 2018-19 में माध्यमिक शाला भवन के मध्यान्ह भोजन कक्ष निर्माण के लिए 90 हजार की स्वीकृत राशि में से 30 हजार की राशि पूर्व सरपंच श्रवण कुमार राठिया एवं सचिव पुरषोत्तम राठिया ने आज पर्यंत दबा रखी है।निर्माण कार्य की नींव तक नहीं डालने वाले इन तीनों पंचायत के गबनकारी सरपंच सचिवों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण भेजने की तैयारी की जा रही है।

नोटिस से सहमे 5 पंचायतों ने शुरू किए 8 निर्माण कार्य,दबा रखे थे डीएमएफ के 67.62 लाख की राशि

गबनकारी सरपंच सचिवों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण भेजने की जनपद सीईओ की नोटिस ने शासकीय राशि के सदुपयोग में व्यापक असर डाला है। नोटिस से सहमे करतला,सरगबुंदिया,कनकी,तरदा एवं पुरैना ने 8 अधोसरंचनात्मक कार्यों का निर्माण शुरू कर दिया है। 98 लाख 32 हजार की स्वीकृत इन कार्यों के लिए 67 लाख 62 हजार की राशि जारी करने के बाद भी सरपंच सचिवों ने निर्माण कार्य लटका रखे थे। करतला ने 27 लाख 20 हजार की स्वीकृत कार्य के लिए जारी 12 लाख 80 हजार की राशि जारी की गई थी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में पाताल पानी मार्ग में सुखसिंह के खेत के पास एवं मयाराम के खेत से बाशाखर्रा मार्ग पर 10 -10 लाख रुपए की लागत से पुलिया निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। जिसके लिए 4 -4 लाख की राशि प्रदाय की जा चुकी थी। इन दोनों कार्यों का नाली निर्माण का लगभग पूर्ण हो गया है ,पुल भी शीघ्र ही तैयार किए जाने की बात कही जा रही है। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2018 -19 में स्टेडियम सुधार कार्य के लिए स्वीकृत 7 लाख 2 हजार की राशि में से 4 लाख 80 हजार की राशि जारी करने के बाद भी कार्य लटका रखे गए थे। नोटिस के बाद सचिव किशोर राठिया ने पुलिया निर्माण की तरह इस कार्य को भी शुरू करवा दिया है। जनपद सीईओ मोहनीश देवांगन का कहना है कि समतलीकरण का कार्य हो चुका है दरवाजा भी शीघ्र लगने वाला है।बात करें सरगबुंदिया की तो वित्तीय वर्ष 2019 -20 के शासकीय हाईस्कूल में अहाता निर्माण के लिए भाग -1 एवं भाग -2 के लिए 19 -19 लाख कुल 38 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके लिए 15 .20 लाख -15 .20 लाख कुल 30.40 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी। तत्कालीन सरपंच आराधना तंवर ,सचिव विरेन्द्र किरण को इसके लिए 16 अक्टूबर को नोटिस जारी किया गया था। उक्त कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जनपद सीईओ श्री देवांगन का कहना है कि एनएच के निर्माणाधीन फोरलेन सड़क निर्माण कार्य की वजह से उक्त कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो रहा था। अब यह कार्य प्राथमिकता से पंचायत कर रही है। कनकी के तत्कालीन सरपंच अमर सिंह ,सचिव देव सिंह राठिया को भी 2018 -19 में 6.45 लाख की लागत से स्वीकृत नवीन आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए 5.08 लाख रुपए जारी किए गए थे। यह कार्य भी शुरू कर दिया गया है।ग्राम पंचायत तरदा में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 10.85 लाख की लागत से स्वीकृत प्राथमिक शाला बैगापाली भवन निर्माण के लिए जारी 6.34 लाख की राशि के बावजूद तत्कालीन सरपंच गायत्री सिदार ,सचिव पंचम पाटले ने वर्षों तक कार्य अधूरा रखा था। नोटिस के बाद कार्य मे तेजी लाई आई है यह कार्य छत ढलाई के स्तर तक पहुंच गया है। ग्राम पंचायत पुरेना के तत्कालीन सरपंच शकुंतला कंवर सचिव चैनूराम सिंह बिंझवार को भी वित्तीय वर्ष 2016 -17 में 16 लाख की लागत से स्वीकृत नवीन पंचायत भवन सह पीडीएस गोदाम भवन निर्माण कार्य के लिए जारी 13 लाख रुपए की राशि के बावजूद कार्य अपूर्ण रखने पर नोटिस थमाया गया था। जिसके बाद कार्य तेजी से शुरू किया गया है जो पूर्णता की ओर होने की बात कही जा रही है।

तो जनपद सीईओ ,एसडीएम को दिखानी होगी तेजी

निश्चित तौर पर शासकीय धनराशि की वसूली को लेकर जिले के मुखिया कलेक्टर अजीत वसंत जिस तरह संजीदा है वह काबिले तारीफ है। चंद माह बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है उसके पूर्व शासकीय धनराशि की जिम्मदारों से वसूली निहायत ही जरूरी है। खासकर सरपंचों से जो आसन्न चुनाव में शामिल होने एनओसी के इंतजार में हैं। कलेक्टर श्री वसंत प्रत्येक बैठकों में वसूली की समीक्षा कर रहे हैं,लेकिन इस दिशा में जनपद सीईओ एवं एसडीएम कार्यालय से उतनी संजीदगी नहीं दिखाई जा रही है। जहाँ करतला ,कटघोरा को छोंड़कर अन्य जनपदों में अंतिम नोटिस जारी करने तक में रुचि नहीं दिखाई जा रही है। जिसमें अपेक्षित गति की दरकार है। ताकि चुनाव पूर्व वसूली की कार्रवाई पूरी हो सके।

 

8 पंचायतों ने 8 साल से दबा रखे थे विकास कार्यों के लिए जारी डीएमएफ के सवा करोड़ की लागत से स्वीकृत 12 कार्य ,जनपद सीईओ ने धारा -92 के तहत रिकवरी के लिए दी अंतिम नोटिस ,सहमे 5 पंचायतों ने शुरू किए काम,3 पंचायतों ने 16 .30 लाख डकारे ,अब होगी रिकवरी

वर्जन 👇

5 पंचायतों ने शुरू कर दिया कार्य,3 का धारा -92 के तहत प्रकरण भेज रहे ,पाई पाई की होगी वसूली

 

शासकीय धनराशि जारी होने के बाद भी निर्माण कार्य लटकाए रखने वाले पंचायत सचिवों को अंतिम नोटिस जारी किया है। 5 ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। 3 पंचायतों ने रुचि नहीं दिखाई जिनका प्रकरण धारा -92 के तहत वसूली के लिए भेज रहे हैं।

मोहनीश देवांगन, जनपद सीईओ करतला।

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