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कृषिछत्तीसगढ़

मोदी की गारंटी’ के इंतजार में किसान ,उपार्जन केंद्रों में नहीं ला रहे धान ,अभियान का आधा सफर पूरा,लक्ष्य 85 फीसदी अधूरा ….जानें इस साल क्यों किसानों का ठंडा पड़ा उत्साह …….

कोरबा (आई.बी.एन -24) ‘मोदी की गारंटी ‘ (3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी एवं 2 साल का बोनस ) के इंतजार में इस साल पूरे प्रदेश सहित जिले में भी धान खरीदी अभियान ठंडा पड़ चुका है। धान खरीदी अभियान का मध्यांतर हो चुका है 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक की जाने वाली धान खरीदी कार्य में इस साल कोरबा के किसान उत्साहित नजर नहीं आ रहे।

जिले में धान खरीदी के पहले मध्यांतर 15 दिसंबर तक 25 लाख 74 हजार क्विंटल धान खरीदी की तुलना में 7 हजार 726 पंजीकृत किसानों ने 41 समिति के 65
उपार्जन केंद्रों के माध्यम से महज 3 लाख 74 हजार 698 .40 क्विंटल समर्थन मूल्य के आधार पर 81 करोड़ 79 लाख 66 हजार 607 रुपए का धान बेचा है। शेष बचे 28 खरीदी दिवस में शेष 85 फीसदी खरीदी लक्ष्य को हासिल करने प्रति खरीदी दिवस में 78 हजार 546 क्विंटल रिकार्ड धान खरीदी करनी होगी।

 

यहां बताना होगा कि पूरे प्रदेश में 1 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक नगद एवं लिंकिंग व्यवस्था के तहत पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी जारी है। जिले को इस साल 25 लाख 70 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में पंजीकृत 50 हजार 912 किसानों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाना है। धान खरीदी अभियान का मध्यांतर हो चुका है अभियान ने आधा सफर तय कर लिया है इस दौरान आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में धान खरीदी के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह वाकई धान खरीदी अभियान को हतोत्साहित करने वाले हैं। इस साल धान खरीदी अभियान ठंडा पड़ा हुआ है। 7 हजार 726 पंजीकृत किसानों ने 41 समिति के 65
उपार्जन केंद्रों के माध्यम से महज 3 लाख 74 हजार 698 .40 क्विंटल समर्थन मूल्य के आधार पर 81 करोड़ 79 लाख 66 हजार 607 रुपए का धान बेचा है। शनिवार रविवार एवं अन्य शासकीय अवकाश दिवस में धान खरीदी नहीं होती ,लिहाजा शेष बचे 28 खरीदी दिवस में शेष 85 फीसदी ( 21 लाख 99 हजार 302 क्विंटल ) धान खरीदी लक्ष्य को हासिल करने प्रति खरीदी दिवस में 78 हजार 546 क्विंटल रिकार्ड धान खरीदी करनी होगी। जो लगभग नामुमकिन सा नजर आ रहा।

मोदी की गारंटी का इंतजार तो नहीं !

छत्तीसगढ़ में कोरबा ही नहीं पूरे प्रदेश में धान खरीदी अभियान ठंडा पड़ा हुआ है। किसान उपार्जन केंद्रों तक धान नहीं ला रहे।अभियान का आधा सफर पूरा होने के बाद भी तय लक्ष्य की पूर्ति में 30 फीसदी धान की भी आवक नहीं हो सकी है।कोरबा में तो तो महज 15 .50 फीसदी ही धान खरीदी हुई है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसकी मूल वजह छत्तीसगढ़ में धान खरीदी अभियान में अब तक ‘मोदी की गारंटी ‘ (चुनावी घोषणापत्र में 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करने एवं 2 साल का बकाया बोनस )देने की घोषणा को सरकारी अमलीजामा नहीं पहनाया जाना माना जा रहा है। जिसकी वजह से पुराने दर पर धान बेचने किसान दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। हाल ही में संपन्न हुई कैबिनेट की पहली बैठक में भी इस पर मुहर नहीं लग सकी। हालांकि घोषणा आदेश के रूप में कार्यान्वित होने की दशा में धान बेच चुके किसानों को अंतर की राशि जरूर मिलेगी। लेकिन फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति ने अभियान ठंडा पड़ गया है।

चाहकर भी नहीं खरीद सकेंगे धान ,समितियों पर लिमिट की पाबंदी

शेष बचे धान खरीदी दिवस में समितियां चाहें भी तो लक्ष्य के अनुपात में खरीदी नहीं कर सकतीं। प्रत्येक समितियों का खरीदी लिमिट तय है। इससे अधिक मात्रा में खरीदी साफ्टवेयर स्वीकार करेगा ही नहीं ।हालांकि विभागीय दबाव में समिति के कर्मचारियों की परेशानी बढ़ जाएगी। लिहाजा तय लक्ष्य की पूर्ति में इस साल कोरबा जिला पिछड़ सकता है।

सिरमिना सिरमौर सुखरीकला अंतिम पायदान पर

अब तक के धान खरीदी के आंकड़ों को देखें तो सिरमिना पहले पायदान पर एवं सुखरीकला अंतिम पायदान पर है। सिरमिना में अब तक कुल 16 हजार 128 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। वहीं सुखरीकला में महज 653 क्विंटल धान की आवक हुई है। कुल 11 उपार्जन केंद्रों में 10 हजार क्विंटल से अधिक धान की आवक हो चुकी है। इनमें सिरमिना सहित केरवाद्वारी,कोरबी(पाली),कोरबी(पोंडी उपरोड़ा),चैतमा,चिकनीपाली,
तुमान,नवापारा,निरधि,भैसमा एवं रामपुर शामिल हैं।

49 फीसदी धान का उठाव,

कुल खरीदे गए 3 लाख 74 हजार 743.60 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। जिसमें से 1 लाख 84 हजार 146.80 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है। इस तरह देखें तो 49 .14 फीसदी धान का उठाव हो चुका है।लेकिन अभी भी उपार्जन केंद्रों में 1 लाख 90 हजार 596 .80 क्विंटल धान उठाव के लिए शेष है। 9 उपार्जन केंद्रों में 5 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम हैं।हालांकि डीओ जारी हो चुका है यह धान जल्द ही राइस मिलरों द्वारा उठाव कर लिए जाएंगे।

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