कोरबा (आई.बी.एन -24) कार्यालय उप संचालक पंचायत की मनमाने कार्यशैली पर लगाम नहीं लग रही। जिस दस्तावेज (पंचायतों के वार्षिक अंकेक्षण टीप )की प्रति रखना चाहिए उसे संधारित नहीं कर रहे जबकि जिस दस्तावेज (पंचायत सचिवों के सेवा पुस्तिका)को जिला कार्यालय में संधारित नहीं किया जाना चाहिए उसे पिछले 8 सालों से जिला कार्यालय में संधारित कर रहे। पूरे प्रदेश में कोरबा ही एकमात्र जिला है जहां कार्यालय उप संचालक पंचायत पंचायत सचिवों की सेवा पुस्तिका संधारित कर रही। नियंत्रणकर्ता कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा ,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की जगह उप संचालक पंचायत द्वारा सेवा पुस्तिकाओं के संधारण ने कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिया है।
यहां बताना होगा कि पंचायत सचिवों का नियंत्रणकर्ता कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत है ।पूरे प्रदेश में पंचायत सचिवों का सीआर (गोपनीय प्रतिवेदन ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ही संधारित कर रहे। इंक्रीमेंट वहीं से लग रही । लेकिन अकांक्षी जिला कोरबा पूरे प्रदेश में एकमात्र ऐसा जिला है जहां एक अलग ही व्यवस्था चल रही। जनपद सीईओ कार्यालय की जगह कार्यालय उप संचालक पंचायत में सन 2016 से पंचायत सचिवों की सेवा पुस्तिका संधारित हो रही। सूत्रों की मानें तो इंक्रीमेंट लगाने एवं परिवीक्षा अवधि हटाने के नाम पर सेवा पुस्तिका की आड़ में निजी स्वार्थ सिद्धि की जा रही है। इसके पूर्व जनपद पंचायतों में ही पंचायत सचिवों की सेवा पुस्तिका संधारित थी। लेकिन कुछ जनपदों में अव्यवस्था पसरी होने की वजह से 8 साल पूर्व सत्यापन के लिए सेवा पुस्तिका कार्यालय उप संचालक पंचायत ने मंगाई थी,लेकिन उसके बाद सम्बंधित जनपद पंचायतों को सेवा पुस्तिका वापस नहीं भेजी गई।
शासन से कोई दिशा निर्देश नहीं
कार्यालय उप संचालक पंचायत कोरबा को पंचायत सचिवों के सेवा पुस्तिका संधारित करने के संदर्भ में शासन से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। बावजूद इसके 412 पंचायतों में पदस्थ 346 सचिवों की सेवा पुस्तिका संधारित कर रहे।इसके लिए कार्यालय उप संचालक पंचायत ने प्रशासकीय नियंत्रण में दिए गए प्रावधान अनुसार पंचायत सचिवों की सेवा पुस्तिका संधारित किए जाने का लेख किया है। पर विश्वस्त सूत्रों की मानें कार्यालय उप संचालक पंचायत को इसके लिए अधिकार ही प्राप्त नहीं है। बहरहाल जो भी हो पूरे प्रदेश में अनोखी व्यवस्था खूब सुर्खियां बटोर रहीं। कार्यालय सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं संचालक पंचायत से शिकायत के बाद जनपदों में सेवा पुस्तिका भेजने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है।