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छत्तीसगढ़

अपहरण कर एक लाख रूपये की फिरौती मांग करने वाले आरोपियों को हुआ आजीवन कारावास की सजा।

कोरबा (आई.बी.एन -24) कोरबा जिला अंतर्गत थाना कुसमुण्डा क्षेत्रातंर्गत आहत तेजप्रकाश यादव पिता राजारामयादव उम्र 22 वर्ष निवासी बेलटिकरी बसाहट दीपका जो दिनांक 11/06/2021 को मीना नाम की लड़की से मिलने गेवराबस्ती गया था, जब वह मीना से मिलकर वापस आ रहा था तभी गेवरावस्ती निवासी 1. दिवाली दास पिता पुरूषोत्तम महंत उम्र 24 वर्ष, 2. जगमोहन उर्फ नान्हू श्रीवास पिता राधेलाल श्रीवास उम्र 21 वर्ष 3. करण मिरी पिता राजू मिरी उम्र 26 वर्ष 4. मेलू बिंझवार पिता सियाराम बिंझवार उम्र 20 वर्ष ने मिलकर तेजप्रकश को अगवा कर मारपीट कर मोटर सायकल में बैठाकर गेवराबस्ती पुराना तलाब के पास ले गये उसके बाद सुबह होने तक वहां से 1 किमी. दूर बंद जर्जर व खण्डर मकान में रखने के लिए गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के अक्षय से अपहरण किये, तथा आहत तेजप्रकाश को बलपूर्वक मारपीट कर मोटर सायकल में बैठाकर ले जाकर कमरे में बंद कर मुक्तिधन की मांग के लिए अपहरण किये तथा आहत को आम के पेड़ में बांधकर व एक कमरे में बंद कर सदोष परिरोध कारित किये।,

और धमकाते हुए परिवार वालों से एक लाख रूपये की मांग किया गया ,और एक लाख रूपये नही देने पर तेजप्रकाश को जान से मारने की धमकी आहत के नाना भागवत प्रसाद यादव को मोबाईल में धमकी दिये जिसकी सूचना थाना कुसमुण्डा में प्रार्थी भागवत यादव के द्वारा की गई, और आरोपीगणों की पतासाजी कर गिरफ्तार कर अप. क. 240/2021 अंतर्गत धारा 342,364ए,365,34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की कार्यवाही की गई। संपूर्ण विवेचना पश्चात् अंतिम अभियोग पत्र माननीय प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी कटघोरा के समक्ष प्रस्तुत की गई, जो विधिवत् सुनवाई हेतु माननीय न्यायालय श्रीमान् प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कटघोरा को विचारण हेतु प्राप्त हुआ।

अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक श्री अशोक कुमार आनंद के द्वारा बताया गया कि माननीय न्यायालय के द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध आरोप तय कर विचारण पश्चात् पाया गया कि आरोपीगण द्वारा आहत तेजप्रकाश को अपहरण कर सदोष परिरूद्ध करते हुए बेल्ट, हाथ, मुक्का से मारपीट करते हुए आहत को छोड़ने के एवज में फिरौती के रूप में एक लाख रूपये गुप्तधन की मांग किये प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध पाते हुऐ प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के पीठासीन अधिकारी श्री वेन्सेस्लास टोप्पो के द्वारा सभी आरोपीगणों को पृथक-पृथक रूप से चारों आरोपीगण को भादवि की धारा 365 में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/-रू० का अर्थदण्ड, भादवि की धारा 364क में आजीवन कारावास एवं 2000/-रू० का अर्थदण्ड एवं भादवि की धारा 342 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/-रू0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन पक्ष को मजबूती से न्यायालय के समक्ष रखने का कार्य अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक श्री अशोक कुमार आनंद ने की।

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