कोरबा (आई.बी.एन -24) राजगामार,गेवरा, कुसमुंडा, कोरबा चिरमिरी रायगढ़ सहित सभी खदानों में है फर्जीवाड़ा, कोयला मंत्रालय के जांच के आदेश को भी किया दरकिनार अपने वास्तविक पिता के नाम बदलकर फर्जी पुत्र बनकर कर रहे नौकरी, आदिवाशियों की भूमि के सामान्य,और पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति कर रहे नौकरी, अपने वास्तविकता छिपाकर ,फर्जी जाति, फर्जी पिता के पुत्र बनकर कर रहे नौकरी, एवम फर्जी दस्तावेज तैयार कर 80% लोग एसईसीएल राजगामर परियोजना में नौकरी कर रहे हैं,जिसका पूरा संरक्षण जिम्मेदारी अधिकारी कर रहे है,कई बार शिकायत के बाद भी कार्यवाही को रोक देना, एवम बचाने के एवज में अवैध उगाही का कार्य जोरों पर धडल्ले से जारी है।
भू- विस्थापित (भू- स्वामी)के साथ फर्जी नौकरी करने वाले व्यक्ति की खास बात चीत।
एसईसीएल में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी करने वालों में मजदूरों से लेकर जीएम तक शामिल हैं। कोल इंडिया स्तर पर शिकायत और वहां से हुई जांच के आदेश को भी स्थानीय अफसर कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं। फर्जी दस्तावेजों से नौकरियां करने वाले ज्यादातर लोग राजगामार परियोजना, चिरमिरी और गेवरा कुसमुंडा की कोयला खदानों में हैं। शिकायतकर्ताओं ने लंबी लिस्ट एसईसीएल मुख्यालय व कोल इंडिया को भेजी है। कई बार शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शिकायत में जीएम स्तर के दो अफसरों के नाम हैं। इसलिए कारवाही नही हो पा रहा , वास्तविक भू- विस्तापित न्याय के लिए दर- दर भटकने को मजबूर, एसईसीएल राजगामार परियोजना में फर्जी नौकरी करने वाले व्यक्ति ने स्पष्ट कहा है कि अधिकारी हमे बोल दिए है की किसी को कुछ करने की अवश्यता नही जितने लोग फर्जी नौकरी कर रहे है वो सब पैसा हमे दें , जो पैसा देगा उस पर हम लोग कोई कार्यवाही नही करेंगे, जिससे साफ जाहिर है की अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य संभव हो रहा है फर्जी नौकरी की जानकारी पूरा मालूम होने के बाद भी कार्यवाही नही हो रहा है , फर्जी नौकरी की शिकायत होने के बाद भी मामला को राजगामार परियोजना में दबा दिया जा रहा है ,उसके बदले विभागीय अधिकारी अवैध रकम की उगाही कर रहे है, जिसमे कुछ तथाकथित जांच अधिकारी, कर्मचारी का नाम भी शामिल है।