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अत्यधिक प्रदूषित राखड़ उड़ने से आवागमन करने वाले लोगों का सांस लेना हुआ दूभर, सड़कों में हरदम दिखाई देते हैं राखड़ के घने गुब्बारे…।

कोरबा राष्ट्रीय राज मार्ग में अत्यधिक राखड़ उड़ने से बस और ऑटो में भिड़ंत, ऑटो में सवार 8 लोग हुए गंभीर दुर्घटना का शिकार..

मानिकपुर एसईसीएल पुरानी खदान में हानिकारक रासायनिक राखड़ किया जा रहा डंप

एसईसीएल मानिकपुर में कार्य करने के दौरान समय पर नहीं कराया जाता पानी का छिड़काव।

रोड सेल की राखड गाड़ियां मानिकपुर खदान से निकलने पर कोरबा राष्ट्रीय राजमार्ग में राखड़ों की ब्लास्टिंग तस्वीरों में देखें..

पर्यावरण प्रदूषण व मौसम प्रभावित के साथ आम लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहा गंभीर असर

कोरबा/मानिकपुर(आई.बी.एन -24)। जिला कोरबा राखड़ संकट से जूझ रहा है। ऊर्जाधानी नगरी में रासायनिक राखड़ आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई है। तरह-तरह के उद्योग एवं फैक्ट्रीयों से निकले हुए रासायनिक पदार्थ राखड़ को संबंधित निर्धारित स्थानो में डंप कराई जाती रही है इसी तरह निजी कंपनियों के ठेकेदारों के द्वारा मुख्य सड़कों व उपजाऊ खेतों व अन्य खाली स्थानों के इर्द-गिर्द राखड़ को फेंकवा दिया जाता है। हवाएं चलने पर यह रासायनिक राखड़ शुद्ध वायु में घुल मिलकर सांस लेने योग्य वायु पूरी तरह से प्रदूषित कर देती है। इस संबंध में जिला प्रशासन और कोरबा पर्यावरण विभाग संबंधित फैक्ट्री,पावर प्लांट, प्रौद्योगिक उद्योग, कोयला खदानों व अन्य संस्थानो के ऊपर समय पर किसी भी प्रकार की कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। जिससे कि जिले में संचालित संस्थानो के संचालकों के हौसले बुलंद है।

एसईसीएल मानिकपुर पुरानी खदान में डंप की जा रही राखड़.. बन रही लोगों के दुर्घटनाओं का कारण...

आपको बता दे कि एसईसीएल मानिकपुर कोयला पुरानी खदान में पिछले तीन वर्षों से लगातार हर दिवस हानिकारक रासायनिक राखड़ डंप की जा रही है। यह रखड़ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सीएसईबी), सीपत पावर प्लांट, बालको पावर प्लांट अन्य फैक्ट्री एवं प्लांट से निकले हानिकारक राखड़ सप्लाई मानिकपुर पुरानी खदान को पाटने अन्यथा डंप करने के लिए भेजा जाता है। इस दौरान पावर प्लांट एवं अन्य फैक्ट्रियों के द्वारा रोड सेल की भारी वाहन गाड़ियों में राखड़ लोड करवाया जाता है। परंतु संबंधित गाड़ियों की जांच नहीं की जाती है कई गाड़ियों के पीछे डाला का हुक टूटा हुआ अन्यथा लगा नहीं होने तथा गाड़ियों में त्रिपाल नहीं लगाने पर हानिकारक राखड़ सड़कों में गिरते हुए शुद्ध वातावरण को प्रदूषित कर अन्यथा मार्गो में आवागमन कर रहे दो पहिया चार पहिया एवं जितने भी मुसाफिर हैं इससे प्रभावित होते हैं। यही वजह है कि अत्यधिक राखड़ उड़ने से लोगों को सिर्फ राखड़ के घने बादल रास्ते पर दिखाई देते हैं। परिणाम स्वरूप जिस वजह से आम लोग रास्तों में गंभीर दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। ऐसा ही मामला मानिकपुर पुरानी खदान को राखड़ से पाट रहे व संबंधित स्थान पर दुर्घटना होने की जानकारी मिली है।

बस और ऑटो में भिड़ंत.. ऑटो में सवार 8 सवारी हुए गंभीर घायल, गंभीर अवस्था में ले जाया गया जिला अस्पताल

एसईसीएल मानिकपुर कोयला खान प्रबंधक की लापरवाही से कोरबा राष्ट्रीय राजमार्ग पर 8 लोगों के साथ गंभीर दुर्घटना हुई है जिसका श्रेय एसईसीएल मानिकपुर प्रबंधक को जाता है।
आपको बता दें कि सीपत श्यामा प्रसाद मुखर्जी बालको प्लांट से निकली रासायनिक राखड़ की सप्लाई मानिकपुर पुरानी खदान के लिए की जा रही है। कोरबा गौ माता के समीप राखड़ डंप करने के लिए मानिकपुर एसईसीएल के द्वारा राखड़ बैरियर बनाई गई है जिस रास्ते में सिर्फ राखड़ ही राखड़ देखी जा सकती है। समय-समय पर राखड़ वाली रास्ते का साफ सफाई नहीं करवाई जाती। इसी प्रकार मानिकपुर खदान के अंदर भी पानी का छिड़काव नही करवाया जाता ।

बता दें कि राखड़ बैरियर वाले रास्ते पर रोड सेल की राखड़ गाड़ियां निकलने से राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से राखड़ की चादर से ढक जाता है। चारों तरफ धुंधला ही धुंधला नजर आता है। सड़क पर चल रहे आम लोगों को कुछ नहीं दिखाई देता। परिणाम स्वरूप लोगों के साथ दुर्घटना हो जाता है।

बता दें कि कोरबा–चांपा जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग और एसईसीएल मानिकपुर राखड़ बैरियर घुसने वाली रास्ते के बीचोबीच की जगह पर दिनांक 28.05.2024 मंगलवार के दिवस एक बस और ऑटो की आपस में भिड़ंत हो गई जिससे कि ऑटो में सवार 8 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी मिली है कि आसपास के लोगों ने घायल लोगों को जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया जहां घायलों का इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों ने मौखिक तौर पर बताया कि बस चालक घटनास्थल से मौके पर ही फरार है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि संबंधित थाने के पुलिस वालों ने बस चालक को घटनास्थल से भगा दिया। अब इस मामले पर सच्चाई कितनी है यह तो जांच के दौरान ही पता चल पाएगी।

भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारी अधिकारी, औद्योगिक संस्थानो के सांठ–गांठ से खूब फल–फूल रहे।

कोरबा पर्यावरण संरक्षण मंडल एवं कोरबा जिला प्रशासन पर्यावरण प्रदूषण को लेकर कोई ठोस कदम तथा गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। वर्षों से पर्यावरण प्रदूषण का सामना जिला कोरबा के निवासी कर रहे हैं। इस संबंध में तरह-तरह के फैक्ट्री एवं कारखाने तथा पावर प्लांट के द्वारा निकली हुई हानिकारक रासायनिक पदार्थ, पॉवर प्लांटों के चिमनियों से निकलते हुए हानिकारक धुएं तथा रासायनिक राखड़ के संबंध में भ्रष्टाचारी अधिकारियों के द्वारा प्राकृतिक शुद्ध वातावरण के प्रदूषित होने का सिर्फ और सिर्फ कागजी पन्नों में खाना पूर्ति करते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं कोरबा जिले के अधीनस्थ एवं समीप क्षेत्र के हरे-भरे घने जंगलों के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। तालाब, नाले और हसदेव नदी में रासायनिक राखडों को मोटे मोटे पाइप के माध्यम से राखड़ में पानी मिलाकर नदियों में छोड़ दिया जा रहा है। परंतु जिला कोरबा की दुर्भाग्य है कि अब तक जितने भी जिम्मेदार एवं जवाबदार अधिकारी यहां पदस्थ हुए हैं संबंधित फैक्ट्री कारखाने एवं पावर प्लांट के गुलाम बने हुए हैं और यही भ्रष्ट अधिकारी पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करते हुए समूचे जिला कोरबा के निवासियों के साथ शोषण किया जा रहा है। जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है। स्वास्थ्य के साथ-साथ लोग प्रदूषण के कारण गंभीर दुर्घटनाओं का भी शिकार हो रहे हैं पशु पक्षी एवं जीव जंतु भी यहां सुरक्षित नहीं है। आने वाले समय में पर्यावरण विस्फोट का परिणाम और भी गंभीर होने वाला है।

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