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क्राइमछत्तीसगढ़स्वास्थय

गांव- गांव और कस्बों में बिना डिग्री के अनुभवहीन डॉक्टर दुकान खोलकर कर रहे बेखौफ इलाज कार्यवाही का अभाव।

इन कथित डॉक्टरों को नेताओं और अधिकारियों का फुल सपोर्ट तभी तो बेखौफ करते हैं इलाज।

कार्यवाही के नाम पर केवल औपरिकता पूरी करते है जांच अधिकारी ,कार्यवाही होती बिलकुल भी नही।

कोरबा (आई.बी.एन -24)कोरबा जिले के नगर सहित ग्रामीण अंचलों में अपने दवाखाने संचालित कर खुलेआम इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टर अच्छा इलाज करने के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। न तो इनके पास इलाज करने की पात्रता है और न ही ज्ञान। इसके बावजूद ऐसे डाॅक्टर लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमर्जी से दवाएं दे रहे हैं। कई बार मरीजों को परेशानियां भी हुई, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते झोलाछाप डाॅक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।

ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत सरभोका के ग्राम रिंगनिया की है जो कोरबा जिले के विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत की है दूर स्थित ग्राम सारभोका में एसे कई बिना कोई वैध दस्तावेज के अंग्रेजी दवाओं और इंजेक्शन का प्रयोग कर ये लोगो के जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते है। समीपस्थ गांव बंजारी के एक मरीज के परिजन ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि गत दिवस वह अपनी पत्नी को बीमार अवस्था में लेकर ग्राम रिंगनिया के झोलाछाप डॉ. कार्तिक राम धीवर के पास इलाज कराने पहुंचे थे। उन्होंने इलाज के नाम पर अनाप शनाप पैसे लिए और पत्नी की बीमारी भी ठीक नहीं हुई । इसके बाद कटघोरा में जाकर इलाज कराया गया तब जाकर बीमारी ठीक हुई ।

मरीज के परिजन के बताए अनुसार कटघोरा के डॉक्टरों ने बताया था कि शुरू से ही मरीज का गलत इलाज किया गया, जिसकी वजह से मरीज को इतनी परेशानी उठानी पड़ी।

ज्ञात हो की पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम में झोलाछाप डॉक्टर की भरमार है और ये डॉक्टर सस्ते और जेनरिक दवाओं का उपयोग कर मरीजों का इलाज करते है जिससे मरीज का स्वास्थ्य जल्दी ठीक नहीं होता और उन्हें बार बार डॉक्टर/क्लिनिक के चक्कर लगाने पड़ते है । कुछ तो अच्छी दवाई इंजेक्शन के नाम पर गरीब मरीजों से मोटी रकम भी ले लेते है । यह कथित डॉक्टर प्रतिबंधित दवाओं का भी उपयोग करते देखे गए है उसके बाद भी इनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती ।

कुछ डॉक्टर पोड़ी उपरोड़ा के चिकित्सा अधिकारी के साथ अच्छे संबंधों का भी दावा करते है और खर्चा पानी भी चिकित्सा अधिकारियों को देने की बात स्पष्ट मिडिया कर्मियों से कहने में बिल्कुल नही कतराते ।

कुछ तो छुटभैया नेता का धौंस दिखाकर किसी नेता को सामने कर देते है । शिकायत मिलने के दौरान फोन पर रिंगनिया निवासी कार्तिक राम धीवर से बात करने पर किसी राम दास महंत नाम के कांग्रेस के पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र के नेता से बात कराया गया और सामाचार प्रकाशन को रोकवाने का प्रयास किया गया ।
यह नेता लोग एसे ही फर्जी डॉक्टरों का बचाओ या मदद करने के लिए हमेशा तत्पर खड़े रहते है , राम दास महंत नाम के इन नेताओ को ये भी पता नहीं होता की ये इन फर्जी डॉक्टर के पक्ष में खड़ा होकर अपनी ही पार्टी का नाम खराब करने में तुले रहते है । ये नेता तो बन जाते है पर इन्हे क्या सही क्या गलत का कोई अंदाजा नहीं होता ।
अभी हाल ही की घटना ग्राम बेतालो के बंगाली झोलाछाप डॉक्टर की है जो गलत इलाज करने की शिकायत के कारण पुलिस गिरफ्त के बाद जेल हो गया ।
ये सब देखने के बाद भी इनके हौसले इन नेताओ और कुछ चिकित्सा अधिकारी से छूट मिले होने के कारण बुलंदी पर होते हैं ।

सभी को पता है की चिकित्सा कार्य करने के लिए यह विशेष योग्यताएं होना चाहिए – इलाज करने के लिए चिकित्सक के पास एमबीबीएस, एमडी की डिग्री होना चाहिए। इसके साथ ही निजी क्लिनिक संचालित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजीयन कराना अनिवार्य है। लेकिन क्षेत्र में ऐसा देखने को मिलता है कि बिना डिग्रीधारी डाक्टरों द्वारा लोगों का इलाज खुलेआम किया जा रहा है। ना तो इनकी जांच होती और ना ही इनके क्लीनिक और दवाखानों पर अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है।
और कई झोलाछाप डॉक्टर अपने दुकान में बोर्ड मेडिकल का लगाकर अंदर इंजेक्शन पानी इलाज का काम करते है तो कोई किसी रजिस्टर्ड पैथोलॉजिस्ट या एमबीबीएस डॉक्टर के नाम पर ब्लड कलेक्शन सेंटर खोल के अंदर में मरीजों का डॉक्टरी इलाज करते है । जबकि इनके पास कोई डिग्री नही होता यह किसी किसी डॉक्टरों को मंथली पैसा देकर उनके नाम को सामने रख कर अपने इलाज करने का दुकान चलाते है ।

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