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छत्तीसगढ़

रायपुर : स्कूलों में 33 हजार से अधिक पदों पर होगी शिक्षकों की सीधी भर्ती: मंत्री बृजमोहन अग्रवाल।

रायपुर (आई.बी.एन -24) विधानसभा में आज स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, संसदीय कार्य मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल के विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 8879 करोड़ 01 लाख 49 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गई। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 7387 करोड़ 66 लाख 32 हजार रूपए, उच्च शिक्षा के लिए 1049 करोड़ 08 लाख 90 हजार रूपए, पर्यटन के लिए 218 करोड़ 04 लाख 40 हजार रूपए, संस्कृति विभाग के लिए 90 करोड़ 50 लाख 39 हजार रूपए, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व के लिए 49 करोड़ 20 लाख रूपए और राज्य विधानमंडल के लिए 84 करोड़ 51 लाख 18 हजार रूपए की राशि शामिल हैं।

मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने विभागीय बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए घोषणा कि की प्रदेश के स्कूलों में 33 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी। इनमें व्याख्याता के 2524 पद, शिक्षक 8194 पद और सहायक शिक्षक के 22 हजार 341 पद शामिल है। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत 1086 नये पदों का सृजन किया जाएगा। इसके लिए बजट में एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। स्कूलों के रखरखाव और अधोसंरचना विकास के लिए बजट में 265 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें 57 हाईस्कूल और 39 हायर सेकण्डरी स्कूलों के लिए नवीन भवन निर्माण का प्रावधान है। मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सेंट्रल लाइब्रेरी शंकर रायपुर को अपग्रेड करते हुए 18 नवीन पदों के सृजन हेतु बजट में एक करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने के कहा कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सूरजपुर एवं गरियाबंद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के साथ ही जिला कोण्डागांव, सुकमा एवं बलरामपुर के विकासखण्ड कुसमी के बाइट को उन्नत करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाए जाने का प्रावधान है। सगढ़ विधानसभा में आज स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, संसदीय कार्य मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल के विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 8879 करोड़ 01 लाख 49 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गई। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 7387 करोड़ 66 लाख 32 हजार रूपए, उच्च शिक्षा के लिए 1049 करोड़ 08 लाख 90 हजार रूपए, पर्यटन के लिए 218 करोड़ 04 लाख 40 हजार रूपए, संस्कृति विभाग के लिए 90 करोड़ 50 लाख 39 हजार रूपए, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व के लिए 49 करोड़ 20 लाख रूपए और राज्य विधानमंडल के लिए 84 करोड़ 51 लाख 18 हजार रूपए की राशि शामिल हैं।

मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने विभागीय बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए घोषणा कि की प्रदेश के स्कूलों में 33 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी। इनमें व्याख्याता के 2524 पद, शिक्षक 8194 पद और सहायक शिक्षक के 22 हजार 341 पद शामिल है। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत 1086 नये पदों का सृजन किया जाएगा। इसके लिए बजट में एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। स्कूलों के रखरखाव और अधोसंरचना विकास के लिए बजट में 265 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें 57 हाईस्कूल और 39 हायर सेकण्डरी स्कूलों के लिए नवीन भवन निर्माण का प्रावधान है। मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सेंट्रल लाइब्रेरी शंकर रायपुर को अपग्रेड करते हुए 18 नवीन पदों के सृजन हेतु बजट में एक करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने के कहा कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सूरजपुर एवं गरियाबंद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के साथ ही जिला कोण्डागांव, सुकमा एवं बलरामपुर के विकासखण्ड कुसमी के बाइट को उन्नत करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाए जाने का प्रावधान है। प्रदेश के 28 जिला मुख्यालयों एवं मुख्य पर्यटन स्थलों में गढ़कलेवा का विस्तार कर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खान-पान व्यंजनों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। इसके लिए बजट में 2 करोड़ 12 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में कलाकार कल्याण कोषण योजना के तहत राज्य के ख्याति प्राप्त किन्तु अर्थाभावग्रस्त साहित्यकारों एवं कलाकारों और उनके परिजनों के लंबी तथा गंभीर बीमारी, दुर्घटना अथवा दैवीय विपत्ती के स्थिति में दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 25 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी गई है, वहीं निधन होने पर 25 हजार की आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 1 लाख रूपए किया गया है। कलाकारों के मासिक पेंशन को 2000 रूपए से बढ़ाकर 5000 रूपए प्रतिमाह कर दिया गया है। गोड़ी भाषा के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने पर्यटन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेशवासियों को श्री रामलला दर्शन योजना के तहत अयोध्या धाम की निःशुल्क यात्रा करायी जाएगी। इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में प्रभु श्रीराम की गाथा को प्रदर्शित करते हुए ‘प्रधानमंत्री श्री रामलला गाथा केन्द्र‘ का निर्माण किया जाएगा। अयोध्या धाम में राज्य के श्रद्धालुओं के लिए छत्तीसगढ़ माता कौशल्या धाम भवन का निर्माण कराया जाएगा। इसी प्रकार तिरूपति, जगन्नाथ पुरी में भी छत्तीसगढ़ धाम बनाया जाएगा। राजिम पंचकोशी परिक्रमा परिपथ विकास हेतु 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि गिरौदपुरी धाम में छाता पहाड़ को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार गुरू बालक दास शहादत स्थल बांधा मुंगेली का पर्यटन विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैनपाट को छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से जाना जाता है और इसे शिमला-मनाली के मालरोड के तर्ज पर हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में पांच शक्तिपीठों- कुदरगढ़ जिला सूरजपुर, चंद्रहासिनी चंन्द्रपुर जिला-सक्ती, महामाया रतनपुर जिला-बिलासपुर, दंतेश्वरी जिला दंतेवाड़ा और बम्लेशवरी डोंगरगढ़ जिला राजनांदगांव को चारधाम की तर्ज पर विकसित करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। इस योजना पर लगभग 112 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत संभावित है। इस वर्ष बजट में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व के विभाग के अनुदान मांगों के संबंध में बस्तर के मांझी एवं चालकियों के सम्मान निधि राशि क्रमशः 2000 रूपए से बढ़ाकर 2500 रूपए एवं 1500 रूपए से बढ़ाकर 2000 रूपए करने की घोषणा की। इसी प्रकार बस्तर के कार्यकारिणी मेम्बरीनों के मानदेय भी प्रतिमाह 1100 से बढ़ाकर 1500 रूपए किया जाएगा। मेम्बरीनों के 50 साधारण सदस्यों को 1500 से बढ़ाकर 2000 रूपए वाषिक मानदेय दिया जाएगा। बस्तर दशहरा के 80 परगनों में 80 चालकी मेम्बर, काछनदेवी, रैलादेवी गुरूमाय 10 सदस्य कोठीपुजारी के 6 सदस्य, मुण्डाबाज वादक के 30 सदस्य रथ संचालन संवाहक 7 सदस्य के लिए 1500 रूपए वार्षिक सम्मान निधि की स्वीकृति प्रदान की गई है। छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को कैलाश मानसरोवर की यात्रा हेतु प्रति यात्री 50 हजार रूपए आर्थिक सहायता अनुदान राशि को बढ़ाकर 1 लाख रूपए दिया जाएगा। इसी प्रकार सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा के लिए वास्तविक व्यय का 50 प्रतिशत तक आर्थिक सहायता अनुदान दिया जाएगा।

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