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डीएमएफ से आँकाक्षी जिला कोरबा के महिला एवं बाल विकास विभाग को 3 वर्षों में मिले 50 करोड़ 35 लाख का आबंटन,सामग्री खरीदी में राज्य भंडार क्रय नियमों का नहीं किया पालन ,विधानसभा से 5 करोड़ 29 लाख के आबंटन की छुपाई जानकारी,नाराज संचालक ने जिम्मेदारों का चिन्हाकंन कर ,कार्रवाई का कलेक्टर से मांगा प्रतिवेदन,मची खलबली ।

कोरबा (आईबीएन-24) कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा ने जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) से पिछले 3 वित्तीय वर्षों में प्राप्त आबंटन में विधानसभा को गलत जानकारी भेजकर सदन को गुमराह किया है। शीतकालीन बजट सत्र और अंतरिम बजट में समान सवालों के जवाब के संदर्भ में प्रेषित जानकारी में डीएमएफ से प्राप्त आबंटन में 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए का अंतर आया है।साथ ही तीनों वित्तीय वर्षों में डीएमएफ मद से प्राप्त कुल आबंटन 50 करोड़ 35 लाख 19 हजार 759 रुपए में आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार अंडा केला लड्डू इत्यादि खाद्य सामग्री खरीदी में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया जाना पाया गया है। जिससे नाराज संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 का कोरबा जिले से प्रेषित उत्तर एवं भण्डार क्रय नियम के प्रावधानों के अधीन सुसंगत कार्यवाही एवं जांच प्रतिवेदन मांगा है। पत्र से महिला एवं बाल विकास विभाग में खलबली मची है।

यहां बताना होगा कि कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कोरबा को जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) मद से पिछले 3 वित्तीय वर्षों 2019 -20 ,2020 -21 एवं 2021 -22 में प्राप्त आबंटन एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार ,अंडा ,केला,लड्डू खाद्य सामग्री की क्रय प्रक्रिया को लेकर विधानसभा में भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 के माध्यम से शीतकालीन सत्र में जानकारी मांगी थी।समयावधि में व संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ग्रीष्मकालीन अंतरिम विधानसभा सत्र में भी श्री अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 650 के माध्यम से पुनःजानकारी मांगी । जिसका जवाब 20 जनवरी 2023 को भेज दिया गया। उक्त दोनों प्रश्नों के कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रेषित जानकारी में भिन्नता पाई गई है। जिसे लेकर कार्यालय संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने पत्र क्रमांक 11401 दिनांक 24 जनवरी 2023 के माध्यम से कलेक्टर कोरबा को पत्र लिखकर विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 के संबंध में जानकारी मांगी थी। जिसमें संचालक ने विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 के संबंध में जिले से प्रेषित उत्तर एवं सुसंगत दस्तावेजों के आधार पर कंडिका क से ग तक दी गई जानकारी का परस्पर मिलान नहीं होने का उल्लेख किया था। पत्र में उल्लेख किया गया था कि कोरबा जिले से पूर्व में प्रेषित जानकारी में वित्तीय वर्ष 2019 -20 में डीएमएफ से प्राप्त राशि 11 करोड़ 82 लाख 28 हजार 924 रुपए दर्शाई गई है। जबकि दिनांक 20 .01.2023 को उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के अनुसार वित्तीय वर्ष 19 -20 में डीएमएफ से प्राप्त राशि 12 करोड़ 11 लाख 2 हजार 28 रुपए का उल्लेख है। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2020 -21 में डीएमएफ से प्राप्त राशि 13 करोड़ 32 लाख 18 हजार 919 रुपए बताई गई है जबकि दिनांक 20 .01.2023 को उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के अनुसार वित्तीय वर्ष 20 -21 में डीएमएफ से प्राप्त राशि 13 करोड़ 78 लाख 76 हजार 919 रुपए का उल्लेख है। कोरबा जिले द्वारा कंडिका -ख में दी गई जानकारी में अधिकांश कार्य में सामाग्री की मात्रा /हितग्राही संख्या तथा दर का उल्लेख नहीं है । जबकि उक्त विधानसभा के प्रश्नांक -ख में सामग्री की मात्रा एवं दर की जानकारी चाही गई है । जिले से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों का अवलोकन करने से पाया गया कि कतिपय सामाग्री कोटेशन से खरीदी गई है । किंतु सामाग्री क्रय की प्रक्रिया में सीएसआईडीसी एवं जेम टेंडर से क्रय किए जाने का उल्लेख किया गया है। इसके परीक्षण की आवश्यकता है। कंडिका ख में डीएमएफ से खरीदी गई सामाग्री के साथ वित्तीय वर्ष के कॉलम का उल्लेख होना था जो कि नहीं है। अतः वित्तीय वर्ष का उल्लेख करते हुए सभी वांछित जानकारी यथा सामाग्री का नाम ,दर ,मात्रा,कुल व्यय राशि ,भंडार क्रय नियम के पालन की स्थिति सहित उपयुक्त अभियुक्ति के साथ उत्तर प्रेषित किया जाना आवश्यक है। डीएमएफ के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश में उल्लेखित कम्पोनेन्ट तथा उक्त स्वीकृति अनुसार कार्य सम्पादित किया गया है अथवा नहीं इसके भी परीक्षण की आवश्यकता है। प्रेषित उत्तर में राज्य भंडार क्रय नियम के पालन किए जाने के संबंध में स्पष्ट टीप अंकित नहीं है जबकि विधानसभा पश्न में स्पष्ट रूप से भंडार क्रय नियमों के पालन की जानकारी चाही गई है।

प्राप्त राशि में से यदि कोई राशि व्यय नहीं की गई है तो अतिरिक्त जानकारी के रूप में यह अवगत कराया जाये कि शेष राशि शेष है । अथवा अन्य मद में व्यय किया गया है। जिससे प्राप्त राशि के विरुद्ध व्यय राशि व बचत राशि की गणना की जा सके।

कलेक्टर को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया था कि जिले से स्पष्ट जानकारी प्राप्त न होने के फलस्वरूप माननीय विधानसभा को जानकारी प्रेषित नहीं किया गया है। पत्र में चाही गई जानकारी का समुचित परीक्षण करते हुए 25 जनवरी तक जानकारी प्रेषित करने का उल्लेख किया गया था।

दोनों प्रश्नों के प्रेषित जानकारी में 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए का अंतर, कलेक्टर को कार्यवाही कर प्रतिवेदन भेजने के निर्देश

संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने पत्र क्रमांक 15665 दिनांक 24/02 /2023 के माध्यम से कलेक्टर कोरबा को पुनः पत्र लिखकर विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 का कोरबा जिले से प्रेषित उत्तर एवं भण्डार क्रय नियम के प्रावधानों के अधीन सुसंगत कार्यवाही एवं जांच प्रतिवेदन मांगा है। पूर्व प्रेषित पत्र क्रमांक 11401 दिनांक 24 .01.2023 के संदर्भ में यह जानकारी मांगी है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि प्रश्न के क भाग में वर्ष 2019 -20 ,20 -21,21 -22 व 22 -23 में कितनी कितनी राशि इन जिलों में किन किन कार्यों के लिए प्राप्त हुई है कि जानकारी चाही गई थी। कोरबा जिले से प्राप्त उत्तर में प्राप्त राशि के संबंध में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 650 में पूर्व में जिलों से जानकारी प्राप्त की गई थी। पूर्व में प्रेषित जानकारी व प्रश्न क्रमांक 599 में प्रेषित जानकारी में अंतर पाया गया है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 650 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 14 करोड़ 67 लाख 70 हजार 395 रुपए का उल्लेख है। वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 5 करोड़ 25 लाख 67 हजार 52 रुपए का उल्लेख है। जबकि विधानसभा प्रश्न क्रमांक 599 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 13 करोड़ 79 लाख 76 हजार 919 रुपए का उल्लेख है।दोनों प्रश्नों के प्रेषित उत्तर में 87 लाख 93 हजार 476 रुपए का अंतर आया है। इसी तरह प्रश्न क्रमांक 599 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 83 लाख 98 हजार 40 रुपए का उल्लेख है।दोनों प्रश्नों के प्रेषित उत्तर में 4 करोड़ 41 लाख 69 हजार 12 रुपए का अंतर आया है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 599 के संदर्भ में प्रेषित उत्तर में वित्तीय वर्ष 2022 -23 में 35 करोड़ 71 लाख 44 हजार 800 रुपए का उल्लेख है। इस तरह वित्तीय वर्ष 2020 -21 एवं वित्तीय वर्ष 2021 -22 के संदर्भ में प्रेषित दो समान प्रश्नों के उत्तर में ही 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए का अंतर आया है। प्रश्न क्रमांक 599 में प्रेषित उत्तर में उक्त राशि कम दर्शाई गई है।

राज्य भंडार क्रय नियम का नहीं किया पालन

संचालक के कलेक्टर कोरबा को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से किए जाने का उल्लेख है। राज्य भंडार क्रय नियम के नियम -8 के तहत राज्य शासन के अन्य विभागों एवं उनके उपक्रमों से सामाग्रियों का क्रय के उपनियम 8 .1 के अनुसार
पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से सीधे किए जाने का प्रावधान नहीं है। इस संबंध में जिला स्तर पर अपनाई गई क्रय प्रक्रिया का परीक्षण करते हुए भंडार क्रय नियम का पालन न करने के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण किये जाने की आवश्यकता है। जिलों द्वारा विभिन्न सामाग्रियों का क्रय जेम पोर्टल अथवा खुली निविदा के माध्यम से क्रय की गई है। पर दस्तावेजों का अवलोकन करने पर पाया गया कि क्रय प्रक्रिया के भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है।

उत्तरदायी अधिकारियों का चिन्हांकन कर कार्रवाई के दिए निर्देश

संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने कलेक्टर को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि आपके जिले से प्रेषित उत्तर से प्रतीत होता है कि जेम पोर्टल व अन्य प्रक्रिया से क्रय की गई सामाग्री में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है। यदि भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिए उत्तरदायी अधिकारियों का चिन्हांकन कर सिविल सेवा आचरण नियमों के अधीन कार्यवाही का प्रस्ताव प्रेषित करेंगे। संचालक ने पत्र के माध्यम से कलेक्टर से कहा है कि सामग्रियों के क्रय में भंडार क्रय नियमों का पालन किया जाना परिलिक्षित नहीं होता है ,उन सभी सामग्रियों के क्रय प्रक्रिया पर जिला स्तर पर सक्षम अधिकारियों से जांच कराया जाकर प्रत्येक प्रकरण में पृथक पृथक टीप प्रेषित किए जाने की अपेक्षा है। संचालक ने सभी बिंदुओं का परीक्षण कराकर अभिमत एक सप्ताह के भीतर सुसंगत दस्तावेज सहित प्रेषित किए जाने का उल्लेख किया है।

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