रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सहृदयता से बिंझिया समाज को मिला न्याय: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय।
रायपुर (आई.बी. एन -24)मध्यप्रदेश के समय से बिंझिया समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की जा रही थी। मात्रात्मक त्रुटि होने के कारण अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाले लाभ से इस तबके को वंचित होना पड़ा था। उन्होंने बताया कि बिंझिया समाज कृषि, मजदूरी के कार्य से जुड़े हैं। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर इस समाज में शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति अब विशेष जागरूकता आने लगी है।
इस समाज को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में लाने के लिए लगातार प्रयासरत रहे। वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस समाज की पीड़ा को महसूस किया और भारत सरकार को बिंझिया सहित 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा। प्रधानमंत्री जी की सहृदयता से वर्ष 2022 में लोकसभा व राज्यसभा में बिंझिया समाज सहित बारह जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति मिली और 2022 में राजपत्र में इस बाबत प्रकाशन हुआ। महासम्मेलन में बिंझिया जाति को जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए समाज ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया है।
कार्यक्रम में विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, विधायक उद्देश्वरी पैकरा, विधायक श्री राजेश अग्रवाल, विधायक श्रीमती शकुन्तला पोर्ते, पूर्व विधायक श्री राम सेवक पैकरा, पूर्व सांसद श्री कमल भान सिंह, बिंझिया समाज के अध्यक्ष श्री भुवाल सिंह सिरदार सहित वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में ग्रामीण मंच पर उपस्थित थे।