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छत्तीसगढ़राजनीति

सरगबुंदिया में संचालित अनाधिकृत कोल साइडिंग को रेलवे जिला प्रशासन का संरक्षण ,रामपुर विधायक ननकीराम कंवर के अल्टीमेटम के एक माह बाद भी संचालन नहीं किया निरस्त, नाराज ननकी प्रभावित क्षेत्रवासियों के साथ बैठेंगे धरने पर ।

कोरबा (आईबीएन-24) कोल एडजस्टमेंट की आड़ में अनाधिकृत कोल साइडिंग से सरगबुंदिया-बरपाली ,
सलिहाभांठावासियों को हो रही स्वास्थ्यगत तकलीफों से रेलवे ,जिला प्रशासन को सरोकार नहीं है । नियम कायदों को दरकिनार करते हुए कोल एडजस्टमेंट की आड़ में संचालित हो रहे अवैध कोल साइडिंग को निरस्त करने के लिए रामपुर विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा कलेक्टर संजीव झा को पत्र लिखकर दिए गए अल्टीमेटम के एक माह बाद भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया । नाराज विधायक श्री कंवर जल्द ही प्रभावित क्षेत्रवासियों के साथ धरने पर बैठेंगे.

यहां बताना होगा कि 16 मार्च को कलेक्टर संजीव झा को रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने पत्र लिखकर कोयला ढुलाई के लिए संचालित हो रहे रेलवे साइडिंग पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि निजी हित के लिए लोगों के जान-माल और स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां अनावश्यक दबाव पूर्वक साइडिंग संचालित किया जा रहा है। अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए जनहित को दरकिनार किया गया है। श्री कंवर ने कहा है कि उनके व ग्रामवासियों के द्वारा इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
किसी तरह की जनहानि व दुष्परिणाम के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।अल्टीमेटम के करीब एक माह बाद भी रेलवे जिला प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली । सरगबुंदिया में कोल एडजस्टमेंट के नाम पर कोयले का इस तरह का ढेर जमा किया गया है कि अस्थाई कोल साइडिंग का शक्ल ले चुका है। भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व गृहमंत्री क्षेत्रीय विधायक ननकीराम कंवर रेलवे एवं जिला प्रशासन की हठधर्मिता से खासे नाराज हैं। वे कभी भी प्रभावित क्षेत्रवासियों के साथ सरगबुंदिया -बरपाली में व्यापक विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। यहां बता दें कि ग्राम सरगबुंदिया में पूर्व में कोल साइडिंग का संचालन रेलवे द्वारा शुरू किया गया था जो काफी विरोध के बाद बंद करना पड़ा। इसके बाद यहां फिर से नागपुर की संदेश ट्रेंडिंग एंड कंपनी नामक निजी फर्म द्वारा कोल एडजस्टमेंट के नाम पर अवैध रूप से साइडिंग संचालित की जा रही है। यहां मालगाड़ी के जरिए खदान से आने वाले ओवरलोड कोयला को खाली करवा कर कोयला की चोरी करने के साथ-साथ उसे सड़क मार्ग के जरिए परिवहन कराने का खेल किया जा रहा है। कोल एडजस्टमेंट की आड़ में अवैध साइडिंग और कोयला की चोरी के इस कार्य में किसी तरह की जांच- पड़ताल रेलवे, एसईसीएल, खनिज विभाग द्वारा करना मुनासिब नहीं समझा जा रहा है। यदि कोई जांच-पड़ताल हुई भी है तो उसे उजागर करना भी जरूरी नहीं समझा जा रहा। विधायक ननकीराम कंवर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को पत्र लिखा था । लेकिन जिला प्रशासन ने उसे संज्ञान में नहीं लिया। जिसका खामियाजा रेलवे प्रशासन को भुगतना पड़ सकता है।

दलालनुमा लोग सक्रिय,कर रहे मध्यस्थता ,लोगों में आक्रोश

अवैध कोल साइडिंग के स्थानीय कर्ता-धर्ता की तरफ से कुछ लोग मैनेज करने का काम कर रहे हैं। इनके द्वारा अधिकारियों सहित संबंधितों को गुमराह करने का काम बड़ी खूबी से अंजाम दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों में इस तरह के काम करने वालों के प्रति नाराजगी व्याप्त है और इनके विरुद्ध शिकायत करने के साथ-साथ रंगे हाथ पकड़ने का मन बना रहे हैं।जनता सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन का मन बना रही।

हर 5 मिनट में फाटक बंद होने से पहले से ही जनता परेशान

कोरबा -चाम्पा रेल खण्ड के मध्य स्थित सरगबुंदिया रेलवे क्रासिंग में आरओबी नहीं होने की वजह से पहले से ही प्रत्येक 5 मिनट में फाटक बंद होने से जनता परेशान है। कोरबा रेल खण्ड से कोल ढुलाई के जरिए सर्वाधिक राजस्व अर्जित करने के बाद भी रेल प्रशासन की जन सुविधाओं को लेकर संजीदा नहीं है।

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