
कटघोरा (आई.बी.एन -24) पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में 16 से 22 सितंबर 2023 तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन – स्टेडियम ग्राउंड, हाईस्कूल परिसर, गोकुल धाम के पास कटघोरा, छत्तीसगढ़ में किया गया।
श्रीमद भागवत कथा के समापन दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को ‘जगत सब छोड़ दिया सांवरे तेरे पीछे’ भजन का श्रवण कराया।अधर्म के पथ का त्याग करना चाहिए और धर्म की रक्षा करनी चाहिए तथा भगवान का नाम हमेशा लेते रहना चाहिए। जो कुछ भी मनुष्य को भगवान द्वारा प्राप्त हुआ है उसके लिए भगवान को धन्यवाद देना चाहिए।
जिस भी व्यक्ति को गुस्सा ज्यादा आता हो उस व्यक्ति को रोज़ अपने माथे पर चन्दन कुमकुम का टीका करना चाहिए। तिलक लगाने से मनुष्य की शक्ति जागृत होती हैं तथा अच्छे विचार आते हैं।
मनुष्य की हर समस्या का समाधान ईश्वर के पास होता है।
जब तक सनातनी एक जुट में रहेंगे तब तक सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा।
जब मनुष्य विद्या को रट लेता है तो वह विद्या कभी भी मनुष्य का भला नहीं करती इसलिए विद्या को कभी भी रटना नहीं चाहिए।
जो व्यक्ति सूर्य उदय होने से पहले उठता है तो उसका भाग्य चमकने से कोई भी नहीं रोक सकता और जो व्यक्ति सूर्य उदय होने के बाद उठते है उनके भाग्य को अस्त होने कोई नहीं रोक सकता है।
सनातन जागृति यात्रा
कटघोरा नगर में पधारे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन के लिए हिंदू हृदय सम्राट शांतिदूत धर्मरत्न पूज्य देवकीनंदन जी ठाकुर के द्वारा पूरे सप्तदिवसीय कथा वाचन के दौरान भारत की संस्कृति को आध्यात्म से जोड़कर पूरे जनमानस का मन मोह लिया भारत की संस्कृति का कथा के साथ इस प्रकार का सामंजस्य सनातन की जागृति की दिशा में अनुकरणीय प्रयास रहा सृष्टि के उद्गम के साथ स्थापित सनातन धर्म के प्रति कुछ विधर्मियों जैसे ए.राजा , स्टालिन एवं वोटो की राजनीति करने वाले नेतागणों को उनके कृत्यों के लिए घोर भर्त्सना करते हुए सनातन जागृति यात्रा की घोषणा करके मार्ग में निकल पड़े कथा के समापन के साथ ही उपस्थित जनसमुदाय जो लगभग 15 हजार से भी अधिक संख्या में ग्रामीण जनमानस सनातन के जयघोष के साथ कथा स्थल से कारखाना एरिया अग्रसेन नगर में स्थित मां महागौरी मंदिर तक भीगते बारिश में पैदल निकल पड़े जहां कथा व्यास पूज्य देवकीनंदन जी के ओजस्वी उद्बोधन एवं आशीर्वचनों से पूरा नगर सनातन के जयकारों के साथ गुंजायमान होने लगा पूरे नगर का बाजार एवं आवागमन इस प्रकार थम सा गया जैसा रामायण और महाभारत सीरियल के दौरान मानवजगत जड़ रूप में परिवर्तित हो जाता है।
इस सनातन यात्रा का मुख्य उद्देश्य राममंदिर के निर्माण की बधाई,, काशी एवं मथुरा में पुनः प्राचीन देवत्व की स्थापना करना रहा।
महाराज श्री जी ने बताया कि भारत की संस्कृति में हमारे इष्टदेव भगवान श्रीकृष्ण की मुर्ति को मुगल विधर्मियों के द्वारा आगरा के जामा मस्जिद की सीढियों में गाड़ दिया गया है,जिनको पूरे सम्मान के साथ भव्य कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में भव्य मंदिर का निर्माण करके पुनः स्थापित करने का संकल्प लिया गया एवं यह घोषणा की गई कि भारत के स्वाभिमान को छिनकर स्थापित करने के लिए यही उचित समय है और आज से ही इस संकल्प को पूरा करने तैयारी करने को कहा अभी नहीं तो कभी नहीं के नारों के साथ कथा का समापन किया गया।
इस कार्यक्रम की भव्यता में अग्रवाल समाज कटघोरा,सिख समाज,सिंधी समाज, आदिवासी समाज, सतनामी समाज, ब्राह्मण समाज, दैवी सम्पद मण्डल,साहू समाज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विद्या भारती, संस्कार भारती, विश्व हिन्दू परिषद, धर्मसेना जैसे राष्ट्रवादी संगठनों ने सामाजिक स्तर पर सम्मान करते हुए बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस पूरे सात दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पूरा कटघोरा क्षेत्र मानो धार्मिक महाकुंभ के रूप में परिवर्तित हो गया था। कटघोरा नगर में आयोजित यह कार्यक्रम ऐतिहासिक दर्शन के साथ विश्व परिवर्तन की दिशा ध्वजवाहक बनेगा ऐसी घोषणा व्यासमंच से की गई।
समूचे कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन, नगरीय प्रशासन एवं सामान्य प्रशासन एवं नगरवासियों का योगदान सराहनीय एवं वंदनीय रहा है।
।। राधे राधे बोलना पड़ेगा।।