कबीर साधारण व्यक्ति नही , ब्रह्मज्ञानी एवं योगनिष्ठ संत थे।
गुजरे साल विधायक मोहित राम द्वारा पनिका को किया घोषणा टांय टांय फिक्स।

पाली (आई.बी.एन -२४) मानिकपुरी पनिका समाज द्वारा नगर में शोभा यात्रा चौका आरती के साथ कबीर प्राकट्य दिवस कबीर कुटी स्तंभ भवन पाली में बड़ी धूमधाम से मनाया गया मानिकपुरी पनिका समाज के महंत दीवान संतो ने बताया कबीर जी साधारण व्यक्ति नहीं थे वह ब्रह्म ज्ञानी एवं योगनिष्ठ संत थे स्वयं परब्रह्मा परमात्मा ही करुणा करके ऐसे महापुरुषों के रूप में पृथ्वी पर अवतार लेकर आये थे संत कबीर जी अपने दोहे के माध्यम से समाज को आईना दिखाया कबीर जी कहा करते थे जैसे मैं रोज एक कील को हथौड़े से दीवार में ठोकता हूं।मैंने जितनी बार इस कील पर हथोड़ा लगाया, कील दीवार में उतनी ही गहरी धंसती चली गई। ठीक इसी प्रकार यह मनरूपी कील है इसको बार-बार सत्संग के हथौड़े लगा करके ही भगवान में ईश्वर में प्रतिष्ठित किया जा सकता है यह काम एक बार में नहीं होगा इसलिए प्रतिदिन सत्संग की जरूरत पड़ती है कबीर साहेब ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रम सावंत 1455 ब्रह्मा मुहूर्त के समय काशी के लहरतारा तालाब में विकसित कमल फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए उनका जन्म किसी माता के गर्भ से नहीं हुआ उन्होंने शिशु अवस्था में कुंवारी गाय का दूध पीकर भक्तिकाल के संत परंपरा में संत शिरोमणि सदगुरु कबीर जी अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार के कार्यों में लगा दिया उनके कथन और दोहे मानवता के मार्गदर्शक हैं।
इससे पहले नगर में कबीर की झांकी डीजे, गाजे-बाजे झांझ मंजीरा शंख की ध्वनि पारंपरिक नृत्य टोली के साथ आमीन माताओं भाई बहनों ने शोभायात्रा निकाली जो व्यवहार न्यायालय से निकलकर अटल चौक से बृहस्पति बाजार होते हुए शिव मंदिर के रास्ते कबीर स्तंभ भवन पहुंची जहाँ आयोजन समिति द्वारा कबीर कुटी में चौका आरती भजन गायन का आयोजन कराया तत्पश्चात पान प्रसाद खीर पुडी के साथ भोजन भंडारा का उत्तम व्यवस्था रहा।
विद्यायक की आहता निर्माण घोषणा टांय टांय फिक्स।
मानिकपुरी पनिका समाज को खिलाया विधायक मोहित राम केरकेट्टा लालीपाप।
गुजरे साल कबीर प्रकाट्य दिवस पर कबीर कुटी में आहता निर्माण कराने की घोषणा पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने किया था लेकिन आज तक आहाता के लिए स्वीकृति नहीं मिली इसको लेकर पनिका समाज में भारी नाराजगी देखी जा रही हैं।पनिका समाज ने नाराजगी दिखाते हुए आनन फ़ानन में शासन प्रशासन के मुँह ताकने के बजाय सहयोग जुटाकर आहता निर्माण की भूमि पूजन कर नीव रखी है।