पाली : वन विभाग की भूमि पर अवैध अतिक्रमण, ग्रामीण बना रहे घर मकान और बाड़ी विभागीय अधिकारी मौन पढ़े पूरी ख़बर।
पाली (आई.बी.एन -24) वन परिक्षेत्र पाली में पदस्थ अधिकारी- कर्मचारियों की कार्य शैली पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है, जिनके नाकामी की वजह से ग्रामीणों द्वारा बड़े झाड़ के जंगल पर अतिक्रमण कर दो दर्जन से अधिक कच्चे- पक्के मकान का निर्माण भी कर लिया गया है। वही अवैध निर्माण जोरो पर जारी है, वन अमले के उदासीनता का लाभ लेकर पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा भी वनभूमि पर शासकीय पीएम आवास बनाने की जुगत में लगे है, और जिम्मेदार सबकुछ जान बूझकर आंख मूंदे बैठे हैं।
वन परिक्षेत्र पाली अंतर्गत बुड़बुड़ व छिंदपारा के मध्य स्थित बड़े झाड़ के घने साल जंगल का उजाड़ करते हुए गांव वाले कब्जा कर धड़ल्ले से मकान का निर्माण कर रहे हैं। यहां लगभग दो दर्जन मकान व बाड़ी जंगल की जमीन पर बनाया जा चुका है। जबकि और भी निर्माण द्रुतगति से जारी है। जिस कब्जे व अवैध निर्माण की जानकारी होने के बाद भी विभागीय अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं, सराईपाली परियोजना अंतर्गत बुड़बुड़ में संचालित खुली खदान के लिए पूर्व में यहां के ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहित की गई। जिसके एवज में उन्हें मुआवजा के साथ अन्य स्थान पर बसाहट दी गई है।
एसईसीएल द्वारा चयनित बसाहट पर बसने के बजाय ग्रामीण छिंदपारा व बुड़बुड़ के बीच स्थित वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बनाने में लगे है। इस ओर अबतक कोई ठोस कार्रवाई नही होने से पंचायत पदाधिकारी भी गांव के लोगो को उक्त जमीन पर बसाने के साथ उन्हें स्वीकृत सरकारी आवास भी निर्माण कराने हेतु प्रयासरत है।
सरकार जंगल को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपए पानी की तरह बहा रही है। वनभूमि के अलावा निजी जमीन में भी पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए योजना चलाई जा रही है। वहीं वन विभाग की जमीन को विभाग बचाने में नाकाम है और अवैध कब्जा होने की जानकारी होने के बाद भी अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं। जिससे कब्जाधारी ग्रामीणों के हौसले बुलंद है। अगर यही हाल रहा तो पाली परिक्षेत्र के बुड़बुड़ जंगल का अस्तित्व धीरे धीरे दीमक की भांति खत्म हो जाएगा।