कटघोरा/जवाली (आई.बी.एन -24) कोरबा जिला के कटघोरा विकासखण्ड अंतर्गत संचालित धान खरीदी केन्द्र जवाली प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आया है, पूरा इंतजाम होने के बाद भी हजारों क्विटंल धान को पानी में भीगा दिया गया, बचाने का प्रयास नही किया गया, वहीं जिला प्रशासन की सुस्त रवैया के वजह से और धन खरीदी केन्द्र प्रभारी के लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है,
किसानों को नमी के बहाने से लेते है पैसा किसान धान वापस न कर दे करके डर में देते है हजारों रुपया, प्रबंधक की घोर लापरवाही सामने आई है। बारिश के कारण कई क्विंटल धान भीग गई है। मामला कृषि उपज मंडी जवाली का है। यहां पर कई क्विंटल धान ओपन कैब में रखी गई है। जिम्मेदारों द्वारा धान को सुरक्षित नहीं कराया गया। जब बारिश हुई तो हजारों क्विंटल धान पानी में भीग गई है। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा धान को सुरक्षित नहीं कराया गया।
प्रबंधक और फाड़ प्रभारी को इसकी जानकारी के संबंध में जब फोन काॅल के माध्यम से इसकी जानकारी पूछी गई तो फाड़ प्रभारी द्वारा गोलमोल जवाब देकर फोन काट दिया गया।
कहा की थोड़ा बहुत भीगा है धूप आने पर सुख जायेगा हजारों क्विटंल धान को थोड़ा बहुत बोलकर बात को टालना प्रबंधक द्वारा इस प्रकार से बात करना यह दर्शाता है कि वे अपने कार्य के प्रति कितने बफादार है, किसानों को चमकाकर अवैध वसूली भी किया जाता है ज्वाली मंडी में ,किसानों को धान खरीदी केन्द्र जावली के कर्मचारीयों द्वारा बहुत ज्यादा नमी है बोलकर अवैध उगाही भी किया जाता है वजन से अधिक धान लिया जाता है,और जो किसान पैसा नही देता है उसको कई प्रकार की बातें बोलकर डराया जाता है ,किसान धान वापस न कर दे करके उन्हें पैसा देते है, प्रति किसान 500 रुपए से लेकर 1000 रू देते है इस प्रकार की कार्य धान खरीदी केन्द्र जवाली में किया जा रहा है, जिम्मेदार अधिकारी की मौन सहमति से यह कार्य होना संभव है, कार्यवाही के अभाव में प्रबंधक के हौसला बुलंद है।