मोरगा : रनई पहाड़ के बच्चों को स्वतंत्रता के 77 साल बाद भी शिक्षा की दरकार,कर चुके है विधान सभा चुनाव का बहिष्कार।
संवाददाता : हजरत खान।

शिक्षा के अधिकार से आज भी बच्चे हैं दरकिनार, न स्कूल की सुविधा न बिजली पानी की सुविधा न रोड की सुविधा बहुत समस्याओं से जूझ रहे इस छेत्र के ग्रामीण।
मोरगा (आई.बी.एन -24) कोरबा जिले के बीहड़ वनांचल छेत्र मोरगा से लगे रनई पहाड़ में रहने वाले बच्चों को शिक्षा का दरकार प्रशासनिक अधिकारियों की घोर लापरवाही और कर्तव्य हीनता का ऐसा मामला सामने आया है आजादी के 77वें साल होने के बाद भी शिक्षा के अधिकार का दरकार जिसे हर कोई हैरान हैं,पिछड़ी जनजातियों के उत्थान को लेकर सरकारें हर साल हजारों करोड रुपए खर्च कर रही है इसके अलावा DMF फंड से भी हर साल हजारों करोड रुपए मूलभूत सुविधाओं के लिए खर्च किए जा रहे हैं बावजूद इसके जिले के प्रशासनिक अधिकारी पिछड़ी जनजाति के बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने में फेल साबित हो रहे हैं,
वर्षों से विकास की झूठी रिपोर्ट देने वाले प्रशासनिक अधिकारियों कि इतनी बड़ी लापरवाही के कारण आज यह क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है और वही हजारों बच्चे शिक्षा के अधिकार से भी वंचित हो रहे हैं इसका जिम्मेदार आखिर कौन?क्या इन प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार कार्यवाही नही करेगी, फिलहाल विकास की इस विसंगति पर जिले के कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को राजी नहीं है और ना ही क्षेत्रीय विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने इस मामले पर कुछ बोलना मुनासिब नहीं समझा।,मामले में छेत्र के जनप्रतिनिधि एवम ग्रामीणों ने स्थानीय अधिकारियों से लेकर छत्तिसगढ़ प्रदेश के शिक्षा मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं ।
विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने की घोषणा भी कर चुके है बावजूद इसके इनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है और बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं,चुनाव के समय वोट लेने बनाए जाते हैं पोलिंग बूथ सुविधा देने भूल जाते हैं नेता। इन विशेष पिछड़ी जनजातियों से संबंध रखने वाले दो ग्राम पंचायतों के आस्रित हजारों ग्रामीणों ने यहां चुनाव प्रक्रिया में भाग लेकर सांसद विधायक और सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है क्योंकि यहां सभा और लोकसभा चुनाव में बाकायदा पोलिंग बूथ भी स्थापित किया जाता है जिसका नाम प्राथमिक पाठशाला है जो पोलिंग बूथ खोर खोटी क्रमांक 413 है यह पोलिंग बूथ एरीकेशन विभाग द्वारा पूर्व में मछली बेचने के लिए बनाए गए भवन में स्थापित किया जाता है,बकायदा यहां निर्वाचन ड्यूटी भी लगाई जाती है
लेकिन आज पर्यंत तक यहां स्कूल के लिए एक प्राथमिक शाला नहीं खोला जा सका जिसके चलते हजारों बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं सड़के नहीं होने से आवागमन में भी असुईधा है बिजली की समस्या से निजात दिलाने सोलर पैनल लगाए गए हैं जो कभी-कभार जगमगाते हैं,लगभग 50 बच्चों को सरपंच जनपद सदस्य व स्थानीय पुलिस पत्रकार के सहयोग से वार्ड पंच के मकान में स्कूल खोला जा रहा है जिसमें 2 शिक्षकों के मानदेय को भी सहयोग से दिया जा रहा है वही बच्चों की ड्रेस कॉपी पुस्तक भी चंदा करके दिया गया है ताकि उनको स्कूल जैसी परिस्थिति का आभास हो 1 दिन सभी के सहयोग से भोजन भी बच्चों को दिया जाता है लेकिन ग्राम पंचायत गिदमुढी के आश्रित ग्राम खोटखोरी के 6 से 14 वर्ष के 50 बच्चों के लिए अभी भी शिक्षा व्यवस्था नहीं हो पाई है,दोनों ग्राम पंचायतों में प्राथमिक शाला भवन और शिक्षकों की मांग करने आए ग्रामीणों ने बताया कि सन् 1985 से हरदेव मिनीमाता बांगो डैम में जमीन चले जाने के बाद विस्थापित हजारों परिवार ने लगातार गांव में स्कूल बिजली और सड़क की मांग की है और करते आ रहे हैं जिले में पदस्थ हर कलेक्टर के पास भी वह गुहार लगाने पहुंचे हैं इस क्षेत्र से निर्वाचित रहे विधायकों और सांसदों से भी मांग की गई लेकिन आज पर्यंत तक उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था नहीं हो पाई है और ना ही किसी तरह की मूलभूत की सुविधाएं दी नहीं गई है 77वें स्वतन्त्रता दिवस समारोह के अवसर में इन बच्चों को आई.बी.एन-24 न्यूज चैनल के छेत्रिय संवाददाता हजरत खान सहित जनप्रतिनिधियों बजरंग सिंह पैकरा जनपद सदस्य, अभिषेक अग्रवाल विधायक प्रतिनिधि, जय सिंह बिंझवार सरपंच खिरटी, हृदय तिग्गा पूर्व सरपंच धजाक, रामरतन धनवार पंच ,आदित्य सिंह, साहेब लाल, रेवती रमण सिंह (GPCM)महेंद्र सिंह तंवर(NRBC) ,शिवशंकर आयाम(NRBC) मोरगा चौकी प्रभारी अश्वनी निरंकारी, प्रिंस अग्रवाल विधायक प्रतिनिधि,
ललित बंसल मोरगा, विकास कुमार सूर्यवंशी केंदई, ने मिलकर बच्चों को बैग 50 नग ,पेन 50 नग, कॉपी 50 नग ,टी-शर्ट,शॉर्ट 60 नग , जूता 50 नग, का वितरण किया गया।