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छत्तीसगढ़राजनीति

खदान प्रभावित गांव ढपढप और कसरेंगा में पेयजल संकट, किसान सभा के नेतृत्व में कल ढेलवाडीह खदान बंदी करेंगे ग्रामीण।

कोरबा (आईबीएन-24)। ढेलवाडीह कोयला खदान से प्रभावित गांव ढपढप कसरेंगा में पेयजल संकट गहरा गया है। और खदान के कारण गांव में कुंआ बोरहोल सुख गए है और कई घरों में दरार पड़ गई है। पानी की समस्या के समाधान के साथ ग्रामीणों को हुए नुकसान का क्षतिपूर्ति मुआवजा देने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने इस संबंध में कोरबा महाप्रबंधक के नाम ढेलवाडीह सब एरिया को ज्ञापन सौंप कर पानी की समस्याओं के साथ अन्य समस्याओं के समाधान की मांग की थी लेकिन प्रबंधन ग्रामीणों के पानी एव अन्य समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं हैं। खदान से प्रभावित गांव के आक्रोषित ग्रामीण किसान सभा के नेतृत्व में 23 मार्च को सुबह से ढेलवाडीह खदान एव कार्यालय को बंद कर आंदोलन करेंगे।

किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर और प्रशांत झा ने कहा कि जिला पूर्ण रूप से एसईसीएल प्रभावित क्षेत्र है। और कोयला उत्पादन के नए कीर्तिमान का जशन मना रही है। दूसरी ओर एसईसीएल किसानों की जमीन लेने के बाद गांव की मूलभूत सुविधा पानी भी प्रभावित गांव में उपलब्ध नहीं करा रही है जिससे साफ है कि एसईसीएल प्रबंधन को केवल कोयला के उत्पादन से मतलब है आम जनता की सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है।किसान सभा ने एसईसीएल के इस रवैये की निंदा करते हुए प्रभावित गांव में मूलभूत सुविधा पानी की समस्या के साथ ग्रामीणों को हुए नुकसान का मुआवजा नहीं मिलने पर प्रबंधन के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी लेकिन प्रबंधन ने एसईसीएल ने प्रभावित गांव की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है इस लिए 23 मार्च को ढेलवाडीह खदान से उत्पादन और कार्यालयों को पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा।
ढपढप पंचायत के शंकर, नरेंद्र यादव और कंवल सिंह बिंझवार ने कहा कि ढेलवाडीह खदान के कारण ढपढप और कसरेंगा का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। पेयजल निस्तारी के साथ मवेशियों के लिए पानी की समस्या विकराल रूप ले चुका है। प्रबंधन को कई बार समस्या से अवगत कराया गया है लेकिन प्रबंधन ग्रामीणों की पानी समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। ढपढप गांव की राजमती,रामायण बाई, ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले साल खाना पूर्ति के नाम पर टैंकर चलाया गया जो नियमित नहीं आता था सभी ग्रामीणों को पानी नहीं मिलता था और जो पानी दिया जाता था वह पानी पीने योग्य नहीं रहता था। गांव के निचे खदान चलने से पहले जो कुंआ था वह खदान के कारण पूरी तरह से सुख गया और घरों में दरार पड़ गया है और डर के साय में रहने के लिए मजबूर हैं।
किसान सभा ने कहा कि गांव में पानी पूर्ति के साथ सभी मांगो के पूरा नहीं होते तक 23 मार्च से ढेलवाडीह खदान से उत्पादन बंद करते हुए कार्यालय में तालाबंदी करते हुए हड़ताल किया जाएगा।

मांगे
1) ढपढप कसरेंगा में पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल सप्लाई घर घर में किया जाये एवं जंहा जमीन के नीचे जल भराव है वंहा बोरहोल खनन कर पानी देने की व्यवस्था की जाये।
2) ग्राम ढपढप के सभी तालाबों में खदान से पाईप लाईन के माध्यम से साल भर पानी भरने की व्यवस्था की जाये।
3) ग्राम ढपढप में बिगड़े बोरहोल पम्पों का तत्काल सुधार कार्य कराया जाए।
4) ग्राम ढपढप में जिन ग्रामीणों का कुंआ सुख गया है, बोर धस गए है और खदान के खनन के कारण जिनके घरों में दरार पड़ा है उन सभी प्रभावित ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाये।
5) ग्राम ढपढप में सरहुराम घर से लकेश्वर घर तक सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण कराया जाए।

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