कलेक्टर साहब हमने ढाई साल निभाई ड्यूटी, आपका हर हुक्म निभाया और अब बिना नोटिस पर्यटन बोर्ड ने नौकरी से निकाल दिया, ये तो नाइंसाफ़ी है, बहाल न किया तो होगा आंदोलन।
पर्यटन केंद्र सतरेंगा में कॉल मी सर्विसेस कंपनी में बोट राइडर की सेवा दे रहे आस-पास के ग्रामीणों को बिना अग्रिम सूचना दिए काम से निकाल दिया गया, प्रशासन से लगाई गुहार पढे पूरी खबर.........
कोरबा (आई बी एन -24) छत्तीसगढ़ ही नहीं, देशभर में अपनी मनोरम वादियों के लिए ख्यातिप्राप्त पर्यटन केंद्र सतरेंगा की खूबसूरती से तो सब वाकिफ हैं, अब जरा इस क्षेत्र को सदियों से सुरक्षित-संरक्षित करते आ रहे मूल निवासियों, आदिवासियों के साथ किए जा रहे अन्याय की बदसूरत दशा भी जान लीजिए। पिछ्ले ढाई साल से टूरिस्ट की सेवा में तत्परता से कार्य कर रहे आस पास के गांव के ग्रामीणों को नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्हें काम से क्यों हटाया गया, न तो इस पर कुछ कारण बताया गया है और न ही कोई पूर्व सूचना-नोटिस ही जारी किया गया। ग्रामीणों ने कहा कि इस स्थिति में उनके परिवार के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। कलेक्टर से मदद की गुहार लगाते हुए पुन: कार्य पर वापस लेने के आदेश जारी करने की मांग की है। चेतावनी भी दी गई है कि अगर उनकी मांग अनसुनी की गई तो सतरेंगा में चक्काजाम कर पर्यटन व्यवस्था ठप कर दिया जाएगा।
ग्रामीणों ने आवेदन के माध्यम से निवेदन करते हुए बताया है कि सभी आवेदक ग्राम सतरेंगा एवं ग्राम बहेरा तहसील अजगरबहार जिला कोरबा छत्तीसगढ़ के मूल निवासी है। कॉल मी सर्विसेस के लिए पर्यटन विभाग द्वारा उन्हें ग्राम सतरेंगा में बोट क्लब, रिसोर्ट बोटराईडर एवं कैशियर के पद पर 1 नवंबर 2020 से पदस्थ किया गया था। उनके द्वारा पूर्ण ईमानदरी से अपने कार्य को किया जा रहा था। वर्तमान में वोटिंग मशीन खराब होने के कारण बोटिंग कार्य बंद है। इस दशा में उन्हें रिसोर्ट में कार्य दिया गया था।
यह जिम्मेदारी भी पूर्ण ईमानदारी से निभाया जा रहा था। 26 मई को कॉल मी सर्विसेस, पर्यटन विभाग रायपुर के द्वारा हमें बिना पूर्व नोटिस दिए हमारे कार्य से पदमुक्त कर दिया गया है। जिसकी सूचना मोबाइल पर पी. डी.एफ. के माध्यम से दिया गया है। जबकि हमारे द्वारा अपने कार्य को पूर्ण ईमानदारी से किया जाता रहा है और हमारी ओर से कोई गलती त्रुटि नही की गई है। जिसे पर्यटन विभाग व अन्य को कोई हानि या दुर्घटना कारित नही हुई है। ऐसे में किस बुनियाद पर हमें अपने कार्य से पद मुक्त कर दिया गया है। हमारे साथ अन्याय किया गया है, जो की निंदनीय है। हमारे समक्ष हमारे परिवार की भरण पोषण की आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
यदि हमें हमारे कार्य पर वापस नहीं लिया जाता है तो हमें हमारे परिवार के समक्ष भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। इन समस्यों के कारण यदि 7 दिवस के भीतर हम लोगो के प्रति सहानुभूति पूर्वक विचार नही किया गया, तो दिनांक 12 जुलाई से सतरेंगा पर्यटन स्थल को बंद कराकर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन एवं चक्का जाम किया जावेगा। जिसकी जवाबदारी सतरेंगा पर्यटन विभाग एवं कॉल भी सर्विसेस, विभाग की होगी।