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कृषिछत्तीसगढ़

ऑनलाइन डीओ जारी कर मार्कफेड ने जिम्मदारियों से फेरी आंखे, जमीनी स्तर पर दावों की खुली पोल मिलर्स उठाव में नहीं दिखा रहे संजीदगी , कोरबा में 19 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम ,खराब मौसम में 160 करोड़ के धान की सुरक्षा का करना पड़ रहा इंतजाम , देखें उपार्जन केन्द्रवार आंकड़े …..

कोरबा(आई. बी. एन -24) पखवाड़े भर के भीतर दूसरी बार मौसम के बदले मिजाज बेमौसम बारिश ,बदली ,मार्कफेड की लचर परिवहन व्यवस्था से जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 160 करोड़ 91 लाख 63 हजार 522 रुपए के 7 लाख 37 हजार क्विंटल जाम पड़े धान पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। साथ ही कस्टम मिलिंग (उठाव) के लिए ऑनलाइन डीओ जारी कर उठाव के नाम पर पूरे प्रदेश में सिरमौर होने के गुमान में बैठे मार्कफेड के दावों की भी पोल खुल गई। जमीनी स्तर पर 19 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम पड़े हैं। जिससे समितियों के कर्मचारियों की मुसीबतें बढ़ गई है।

यहां बताना होगा कि पूरे प्रदेश में 1 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक नगद एवं लिंकिंग व्यवस्था के तहत पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी जारी है। जिले को इस साल 25 लाख 70 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में पंजीकृत 50 हजार 912 किसानों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाना है। ‘मोदी की गारंटी ‘ (3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी एवं 2 साल का बोनस ) का वादे से किसान धान बेचने जबरदस्त उत्साह दिखा रहे। जिले में अब तक किसान 22 लाख 55 हजार 244 क्विंटल धान बेच चुके हैं। समर्थन मूल्य (2183 रुपए प्रति क्विंटल ) पर इसकी कीमत 492 करोड़ 31 लाख 97 हजार 652 रुपए की है। जिसका किसानों को सहकारी बैंकों के सभी 6 शाखाओं के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है, जिला तय लक्ष्य का 88 फीसदी धान की खरीदी पूरा कर चुका है। शेष बचे खरीदी दिवस में तय लक्ष्य प्राप्त कर रिकार्ड रचने के करीब है । लेकिन जिले में ख़रीदे गए धान में अभी भी 160 करोड़ 91 लाख 63 हजार 522 रुपए के 7 लाख 37 हजार क्विंटल धाम उठाव के इंतजार में पड़े हैं। डीएमओ का दावा है कि पूरे प्रदेश में कोरबा धान उठाव के मामले में सिरमौर है ,किसी भी समिति में बफर लिमिट से अधिक धान जाम नहीं है ,लेकिन डीएमओ सिर्फ राइस मिलरों को कस्टम मिलिंग के लिए जारी डीओ के आधार पर ही यह दावे कर रहीं। जमीनी वास्तविकता इससे परे है ,19 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम हैं। नोडल अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक एस के जोशी ने गुरुवार को दर्जनों धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया,जहां समिति प्रबंधकों ने सबसे ज्यादा समस्या लचर परिवहन व्यवस्था से धान खरीदी एवं सुरक्षा में आ रही दिक्कतों को बताया। श्री जोशी ने प्रकरण वस्तुस्थिति से उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं को अवगत करा दिया है।

इन उपार्जन केंद्रों में 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम।

19 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम है। इनमें अखरपाली,कटघोरा,करतला,केरवाद्वारी,
कुल्हरिया,कोरकोमा ,कोरबी (पाली),कोरबी (पोंडी उपरोड़ा),जटगा,नवापारा,
बेहरचुवां,पिपरिया ,फरसवानी,बरपाली (कोरबा ),बरपाली (बरपाली),भैसमा,
भिलाईबाजार,रामपुर एवं सिरमिना शामिल हैं।इसके अलावा अन्य उपार्जन केंद्रों में भी बफर लिमिट से अधिक धान जाम हैं।
डीएमओ ऑनलाइन डीओ के बेहतर आंकड़े देखकर ही प्रदेश में कोरबा में धान के उठाव की सबसे बेहतर स्थिति के दावे कर रही हैं। जबकि जमीनी वास्तविकता इससे उलट है।

वर्जन…

ऑनलाइन डीओ के आधार पर किसी भी समिति में बफर लिमिट से अधिक धान जाम नहीं

ऑनलाइन डीओ के आधार पर किसी भी समिति में बफर लिमिट से अधिक धान जाम नहीं हुआ है । जारी डीओ तिथि से 10 दिवस के भीतर मिलर्स को उठाव करना रहता है जो जिले में हो रहा। पूरे प्रदेश में उठाव के मामले में अव्वल हैं। चुटकी बजाते तो धान नहीं उठ जाएगी।

जान्हवी जिल्हारे ,डीएमओ ,कोरबा

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