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छत्तीसगढ़स्वास्थय

“मिलेटस” को लेकर ग्रामीणों मे जागरूकता अभियान।

पाली (आई.बी.एन -24) इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी(IGSSS) द्वारा सुपोषण कार्यक्रम के अंतर्गत पाली ब्लॉक में मिलेट समृद्धि अभियान चलाया जा रहा है और ग्रामीणों को मिलेट्स खाद्यान्न के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
इस अभियान के दौरान पाली ब्लॉक के विभिन्न गांव में मिलेट व्यंजन का प्रदर्शन एवं प्रचार-प्रसार प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।जिसमें मास्टर ट्रेनर द्वारा मोटे अनाज (कोदो, कुटकी, रागी, बाजरा,ज्वार) से बने व्यंजन बनाने की विधि का प्रदर्शन किया जा रहा है और उनसे होने वाले शारीरिक फायदे और नुकसान के बारे में सविस्तार जानकारी दिया जा रहा है।

इस आयोजन में गांव की महिलाएं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सक्रिय महिला समूह एवं ग्रामवासी उत्सुकता के साथ सम्मिलित हो रहे हैं।IGSSS के ब्लॉक प्रमुख शुभम जायसवाल ने बताया कि आजकल मिलेट्स का नाम काफी सुनने को मिलता है। इसे मोटा अनाज भी कहा जाता है। इसमें ज्वार, बाजरा, रागी और कुट्टू जैसे अनाजों को शामिल किया जाता है।उन्होंने कहा कि विश्व में मिलेट की 13 वैरायटी मौजूद है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के लिए 8 अनाजों- बाजरा, रागी, कुटकी, संवा, ज्वार, कंगनी, चना और कोदो को शामिल किया गया है.भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों के समर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है. अब पूरी दुनिया में मोटे अनाजों से जोड़कर कई आयोजन किए जा रहे हैं. भारत में भी इसको लेकर कई तरह की तैयारियां चल रही हैं. एक तरफ राज्य सरकारें किसानों को मोटे अनाज उागाने के लिए प्रेरित कर रही हैं तो वहीं लोगों को थाली तक इसे पहुंचाने के लिए भी जागरुकता किया जा रहा है,हमारे देश में इनकी उपलब्धता होने के बावजूद चावल-गेंहू का उपयोग अधिक किया जाता है जबकि मोटे अनाज मे ज्यादा पोषक तत्व मौजूद हैं। इसी कारण इन्हें सुपर फूड की संज्ञा दी गई है। मिलेट्स को कुपोषण के खिलाफ ब्रह्मास्त्र माना जा रहा है।

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