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आशा आजाद का नाम दर्ज हुआ गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे।

आशा ठाकुर - ब्यूरो चीफ कोरबा

कोरबा(आईबीएन-24) शहर की लीड कालेज कोरबा में पदस्थ सहायक प्राध्यापक (भूगर्भशास्त्र), अंतरराष्ट्रीय कवयित्री, गीतकार, साहित्यकार, छंद सर्जक(हिंदी एवं छत्तीसगढ़ी),गद्य-पद्य की सर्जक श्रीमती आशा आजाद “कृति”को छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन ग्रंथ विशाल छंदमयी साझा संकलन में सम्पादकीय के लिए वृंदावन हाल रायपुर में आयोजित भव्य विमोचन कार्यक्रम मेंगोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड, गोल्डेन मेडल, सर्टिफिकेट, मोमेंटो, स्मृति चिन्ह देकर गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड छत्तीसगढ़ प्रभारी सोनल राजेश शर्मा ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी पूर्व विधायक अध्यक्ष गौ सेवा आयोग छत्तीसगढ़ अध्यक्षता नंदकुमार साय जी पूर्व अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग पूर्व सांसद, विशिष्ट अतिथि डां. विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग छ.ग.,डॉ.अनिल भतपहरी सचिव राजभाषा आयोग छ.ग.रामेश्वर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार, डॉ.उदयभान सिंह चौहान अध्यक्ष छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान, डां. स्नेहलता पाठक वरिष्ठ साहित्यकार, डां. माणिक विश्वकर्मा वरिष्ठ साहित्यकार,लखन पडरिया,उर्मिला देवी उर्मि, महेश शर्मा, सहित छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेश के साहित्यकार इस भब्य विमोचन और सम्मान कार्यक्रम मे उपस्थित थे। इस ग्रंथ को डॉ.नंदकुमार साय जी ने कहा वर्तमान में इस प्रकार का पहल साहित्य के इतिहास को सहेजता है, साहित्य में ऐसा अनूठा पहल राज्य की गरिमा को बढ़ाता है और सबसे बड़ी बात है कि इसे छत्तीसगढ़ की त्रिमूर्ति महिलाओं ने संपादन का कार्य किया है यह अपने में सम्मान जनक बात है, राजेश्री डॉ.महंत रामसुन्दर दास जी ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ राज्य का रामचरित मानस की तरह है 1007 पृष्ठ का किताब छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है जो छात्र छात्राओं के लिए भी छंद के रुप में सामान्य ज्ञान याद रखने में सहायक होगा।
आशा आजाद ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड(भारत को जाने) मे वर्ल्ड रिकॉर्ड,आफिसियल वर्ल्ड रिकॉर्ड,सहित विभिन्न जिला,प्रदेश,राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय,शासकीय संस्थाओं में अपना दर्ज करा चुकी है।
सम्पूर्ण दर्शन ग्रंथ जो एक विशाल छंदमयी साझा संकलन जिसमें 1007 पृष्ठ हैं एवं छतीसगढ़ के 72 विषयों के साथ साथ 117 प्रकार के छंदों के विषयों को छंदबद्ध किया गया है। इस ग्रंथ में संपादकीय के रूप में सुकमोती चौहान”रुचि”,आशा आजाद”कृति”, माधुरी डड़सेना “मुदिता” जी ने अहम भूमिका निभाई।आशा आजाद जी की दो किताबो का विमोचन आशा की अभिव्यंजना(गीत संग्रह) एवं छंद रुखवा के छइंहा( छत्तीसगढ़ी छंदबद्ध संग्रह) का विमोचन भी सम्मान कार्यक्रम में हुआ
आशा आजाद ने जिला ही नहीं वरन पूरे राष्ट्र में अनुकरणीय पहल से शुभ संदेश दिया है।कोरबा जिलें में आशा आजाद नें अपना एक अमिट स्थान बनाकर साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्त्रोत का कार्य किया है।

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