WhatsApp Image 2024-03-22 at 3.00.41 PM
WhatsApp Image 2024-03-22 at 3.00.41 PM
previous arrow
next arrow
क्राइमखेलछत्तीसगढ़

आकांक्षी जिला कोरबा में बुनियादी सुविधाओं को तरसते आँगनबाड़ी ,80 फीसदी केंद्र अंधेरे में , 34 फीसदी भवनविहीन , 36 फीसदी शौचालय विहीन , 38 फीसदी में नहीं है पानी , क्या साय सरकार में बदलेगी तस्वीर ! देखें हैरान करने वाले आकंड़े।

कोरबा (आई. बी. एन -24) अकांक्षी जिला कोरबा में बच्चों की प्रथम पाठशाला कहे जानी वाली आंगनबाड़ी केंद्र बुनियादी सुविधाओं की मोहताज है। जी हां महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र बिजली ,पेयजल ,शौचालय सहित स्वयं के भवन की कमी से जूझ रहे हैं।सत्ता परिवर्तन के बाद अब इन आंगनबाड़ी केंद्रों को न केवल विभागीय मद वरन जिला खनिज संस्थान न्यास में उपलब्ध करोड़ों रुपए के उपलब्ध फंड से संवरने के आसार हैं।

जिले में कुल 2599 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें 2291 आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों के एवं 308 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्रों के हैं। कुल संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में 2343 आंगनबाड़ी एवं 256 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। बात करें आँगनबाड़ी के केंद्रों की मुख्य आधारभूत संरचना आंगनबाड़ी भवन की तो जिले में 1810 आंगनबाड़ी केंद्र ( 65 .83 फीसदी ) ही स्वयं के शासकीय भवन में संचालित हैं। जबकि 888 (34 .16 फीसदी ) केंद्र स्कूल भवन ,पंचायत भवन , समुदायिक भवन ,किराए के भवन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के घरों (किराए )में संचालित हैं। इनमें 139 केंद्र ( ग्रामीण क्षेत्र के 134 शहरी क्षेत्र के 5 केंद्र)5.34 फीसदी केंद्र स्कूल भवन में संचालित हैं। पंचायत भवन में ग्रामीण क्षेत्र के 25 (0.96 फीसदी )केंद्र संचालित हो रहे। बात करें सामुदायिक भवन की तो यहां भी 87 (3.34 फीसदी) केंद्र संचालित हो रहे इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 74 एवं शहरी क्षेत्र के 13 केंद्र शामिल हैं। केंद्रों के संचालन के लिए भवन किराए तक में लेना पड़ रहा ,इनमें 303 (11.65 फीसदी ) किराए के भवन में संचालित हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के 151 अर्द्ध पक्का,88 पक्के भवन तो शहरी क्षेत्रों के 17 पक्के मकान शामिल हैं। सबसे ज्यादा किराए के भवन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के घरों में संचालित हैं। जिले में कुल 334 केंद्र (12.85 फीसदी ) कार्यकर्ता सहायिकाओं के घरों में संचालित हो रहे ,इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 164 अर्द्ध पक्का एवं 153 केंद्र पक्के मकान हैं तो वहीं शहरी क्षेत्र के 17 मकान शामिल हैं। जिसके लिए एक बड़ी राशि प्रतिवर्ष किराए के रूप में शासन को अदायगी करना पड़ रहा।

81 फीसदी केंद्र अंधेरे में , 494 केंद्र ही हो सके विद्युतीकृत , 2105 अविद्युतीकृत केंद्रों में बंट गए करोड़ों रुपए के एलईडी

आकांक्षी जिला कोरबा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में सबसे निराशाजनक स्थिति विद्युतीकरण की है। जिले के 2599 आंगनबाड़ी केंद्रों में से महज 494 (19 .01फीसदी)ही विद्युतीकृत हैं। जबकि 2105 (80.99फीसदी केंद्र अंधेरे में हैं। इन केंद्रों को विद्युतीकृत नहीं किया जा सका।अविद्युतीकृत केंद्रों में ग्रामीण क्षेत्र के 1847 केंद्र तो शहरी क्षेत्र के 303 केंद्र अविद्युतीकृत हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में
इन केंद्रों को करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से डीएमएफ व विभागीय मद से एलईडी टीवी व वाटर प्यूरीफायर प्रदाय किए जा चुके हैं। जो आज अनुपयोगी बन भ्रष्टाचार की कहानी स्वतः बयां कर रहे।

989 केंद्र प्यासे ,पानी पहुंचा नहीं,पहुंच गए वाटर प्यूरीफायर

जिले में संचालित 2599 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 989 केंद्र (38.05 फीसदी) पेयजल सुविधाविहीन हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के 734 केंद्र तो शहरी क्षेत्र के 255 केंद्र शामिल हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इन केंद्रों को साल भर पूर्व कांग्रेस शासनकाल में डीएमएफ से 3 करोड़ रुपए से अधिक की राशि के आरओ प्लस यूवी वाटर प्यूरीफायर प्रदाय किए जा चुके हैं। जो आज शो पीस बने हुए हैं।

936 आंगनबाड़ी केंद्र शौचालयविहीन

जिले में संचालित 936 (36.1फीसदी)आंगनबाड़ी केंद्र शौचालय जैसे बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। इनमें 796 ग्रामीण क्षेत्रों के तो 140 केंद्र शामिल हैं। एक तरफ प्रदेश जहां स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर पुरुस्कृत हो रहा ,वहीं आकांक्षी जिला कोरबा में आंगनबाड़ी केंद्रों की यह स्थिति अत्यंत निराशाजनक है।

कांग्रेस शासनकाल में डीएमएफ से 32 करोड़ की सामाग्री एवं सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के नाम पर 7 करोड़ के सामाग्री की हुई आपूर्ति ,इतने में संवर जाते केंद्र

गौरतलब हो कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में जिला खनिज संस्थान न्यास से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में (प्री स्कूल किट, अलमीरा ,फर्नीचर ,बर्तन, कूकर बुक सेल्फ ,महतारी किट सहित विभिन्न सामाग्री आपूर्ति के नाम पर 32 करोड़ रुपए की गुणवत्ताहीन अनुपयोगी,अनुपातहीन सामाग्री की आपूर्ति की गई थी। जिसको लेकर विधानसभा तक में हंगामा मचा था। वहीं सरकार ने जाते जाते चुनाव से पूर्व पूरे प्रदेश में 100 करोड़ एवं कोरबा जिले के लिए सक्षम आंगनबाड़ी के केंद्रों में एलईडी टीवी ,अलमीरा ,फर्नीचर ,पंखे,पेटी,बर्तन
,दरी सहित विभिन्न सामाग्रियों की आपूर्ति की गई ,उक्त सभी फंड से आंगनबाड़ी केंद्रों की कई आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती थी।

डीएमएफ के 139 करोड़ उपलब्ध ,क्या सुध लेगी शासी परिषद ?

जिले में चालू वित्तीय वर्ष 2023 -24 में जिला खनिज संस्थान न्यास को जिले में खनिज रॉयल्टी से प्राप्त होने वाली राशि में से 139 करोड़ की राशि विकास कार्यों की स्वीकृति के लिए शेष बची है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आकांक्षी जिला कोरबा में शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता सेक्टर में शामिल आंगनबाड़ी केंद्रों की सुध साय सरकार एवं जिला खनिज संस्थान न्यास की शाषी परिषद कब लेती है । हालांकि जिले के मुखिया तेज तर्रार कलेक्टर अजीत वसंत ने भवनविहीन ,अविद्युतीकृत स्कूल आंगनबाड़ी ,अस्पताल की जानकारी माँगी है ,ऐसे में ऐसे में डीएमएफ से इनके संवरने के आसार हैं।

Indian Business News

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!